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योगी सरकार में पड़ने लगी फूट, मोर्चा संभालने के लिए ‘ये’ दो मंत्री आए आगे!

सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं 1997 में पहली बार मंत्री बना था।

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योगी सरकार में पड़ने लगी फूट, मोर्चा संभालने के लिए 'ये' दो मंत्री आए आगे!

सहारनपुर। भारतीय जनता पार्टी उत्तर प्रदेश के विधनसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत के साथ सत्ता पर काबिज हुई। सभी जातियों को प्रतिनिधित्व देने के लिए पार्टी के रणनीतिकारों ने यूपी में सीएम के अलावा दो डिप्टी सीएम भी बनाए। लेकिन इसके बावजूद अब भी मौर्य, सैनी, शाक्य और कुशवाह समाज के लोगों में केशव प्रसाद मौर्या के मुख्यमंत्री न बन पाने की टीस बरकरार है। यह बात सोमवार को लखनऊ में हुए भाजपा पिछड़ा वर्ग मोर्चा के सामाजिक प्रतिनिधि सम्मेलन में उभरकर सामने आई।

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सम्मेलन को संबोधित करते हुए योगी सरकार के मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि मैं 1997 में पहली बार मंत्री बना था। भाजपा ने समाज से उप मुख्यमंत्री बनाया है। कल को आपके समाज से मुख्यमंत्री भी मिल सकता है। क्योंकि राजनीति में संभावनाएं हमेशा बनी रहती हैं। इस स्म्मेलन में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले की नकुड़ विधानसभा से विधायक व प्रदेश सरकार में आयुष मंत्री डॉ. धर्म सिंह सैनी ने कहा कि मौर्य समाज बड़ी ताकत के रूप में उभरा है केशव मौर्य व स्वामी प्रसाद मौर्य के साथ पूरा समाज खड़ा है।

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इस दौरान स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थक उनके पक्ष में नारेबाजी करने लगे। इनको देखकर केशव प्रसाद मौर्य के समर्थक भी उनके पक्ष में नारेबाजी करने लगे। मामला बढ़ता देख पिछड़ा वर्ग मोर्चा के सह प्रभारी ब्रज बहादुर ने नारेबाजी न करने की नसीहत देते हुए कहा कि यहां कोई शक्ति प्रदर्शन नहीं हो रहा है। इस सम्मेलन में भाजपा के पिछड़े वर्ग से संबंध रखने वाले सभी सांसद विधायक व मंत्री/राज्यमंत्री शामिल हुए।

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आपको बता दे कि 2017 के विधानसभा चुनाव के समय केशव प्रसाद मौर्य भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष थे। उस दौरान मौर्य ने अपने समाज के कई नेताओं को भाजपा में शामिल कराया था, जिनमें बसपा से दो प्रमुख नेता स्वामी प्रसाद मौर्य व धर्म सिंह सैनी भी शामिल हैं। ये दोनों नेता 2007 में बसपा सरकार में कैबिनेट मंत्री थे। इसके अलावा अन्य कई विधायक व पूर्व विधायक भी भाजपा में शामिल हुए थे। सूत्रों के मुताबिक यूपी में प्रचंड बहुमत मिलने के बाद भाजपा नेतृत्व ने केशव प्रसाद मौर्य को मुख्यमंत्री बनाने के बजाय उप मुख्यमंत्री बना दिया।