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‘मुख्यमंत्री’ के बाद अब इन्होंने भी कहा, ‘यूपी को अलग-अलग राज्यों में बांटा जाए’

जहां एक तरफ ‘मुख्यमंत्री’ कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में बांटा जाए तो दूसरी तरफ अब अन्य नेता भी इसके समर्थन में आ गए हैं।

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‘मुख्यमंत्री’ के बाद अब इन्होंने भी कहा, ‘यूपी को अलग-अलग राज्यों में बांटा जाए’

नोएडा। उत्तर प्रदेश को अलग-अलग राज्यों में बांटने की मांग समय-समय पर उठती रही है। वहीं 2019 के आम चुनाव सिर पर हैं और ऐसे में एक बार फिर से ये मांग उठी है। जहां एक तरफ ‘मुख्यमंत्री’ कह चुके हैं कि उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में बांटा जाए तो दूसरी तरफ अब अन्य नेता भी इसके समर्थन में आ गए हैं।

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बता दें कि रालोद पहले से ही वेस्ट यूपी को हरित प्रदेश बनाने की मांग करता रहा है, लेकिन अब वेस्ट यूपी के सभी दलों के प्रमुख नेताओं ने भी एक मंच बनाकर अलग राज्य की मांग का मुद्दा छेड़ दिया है। दरअसल, कुछ दिनों पहले ही नोएडा में आम आदमी पाटी की रैली के दौरान लोगों को संबोधित करते हुए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि उत्तर प्रदेश को चार राज्यों में बांटना चाहिए। इससे सही विकास होगा। वहीं अब कई दलों के नेताओं ने एक मंच बनाकर वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाने की मांग की है।

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इस मंच में भाजपा, कांग्रेस, रालोद, सपा और बसपा आदि के नेता शामिल होने की बात कही जा रही है। वहीं रालोद के राष्ट्रीय महासचिव और पूर्व सिंचाई मंत्री डॉ. मैराजुद्दीन इस मंच के मुखिया हैं। पत्रिका से बातचीत करते हुए उन्होंने वेस्ट यूपी को अलग राज्य बनाए जाने पर खुलकर चर्चा की।

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डा. मैराजुद्दीन ने इस दौरान बताया कि अलग राज्य की मांग के लिए राजनैतिक दलों से ऊपर उठकर एक मंच बनाया गया है जो कि अराजनैतिक हैं। इसमें मंच में सभी दलों के लोग शामिल हैं। हालांकि इस मंच पर आकर न तो कोई भाजपाई है और न कांग्रेसी या कोई रालोद का नेता है। इसमें सभी वेस्ट यूपी को अलग राज्य की मांग करने वाले हैं।

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उन्होंने कहा कि यह वेस्ट यूपी के हर आदमी की आवाज है। कारण, उत्तर प्रदेश इतना बड़ा सूबा है इसलिए यहां के लोग कई चीजों में पिछड़े हुए हैं। वेस्ट यूपी से इलाहाबाद और लखनऊ जाने की कोई कायदे की ट्रेन नहीं है और न ही हवाई जहाज के कोई साधन हैं। इतना ही नहीं, इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के लिए वेस्ट यूपी के लोगों को को न्याय के लिए 700 किमी दूर तक जाना पड़ता है। जिसमें तीन से चार दिन का समय लग जाता है। इन्हीं मुद्दों को उठाने वाले कई संगठन अब उनके प्रयास से एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए सामूहिक उपवास भी रखा जाएगा और सभी दलों के नेताओं को बुलाया जाएगा। जो नहीं इसमें शामिल होने नहीं आएगा उसका बायकाट किया जाएगा। इसके साथ ही हमारी एक लाख शपथ पत्र भरवाने की भी योजना है।