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इंस्पेक्टर के ट्रांसफर को लेकर आमने-सामने आए एनकाउंटर मैन और डीएम

योगी सरकार ने प्रदेश में आदेश जारी किए थे जिसे लेकर अब जिलाधिकारी और एसएसपी आमने सामने आ गए हैं।

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नोएडा। पुलिसकर्मियों के तबादलों को लेकर योगी सरकार के आदेश जारी हुए थे। इसके बाद जनपद में डीएम और एसएसपी अमने-सामने आ गए हैं। गौतमबुद्ध नगर में एनकाउंटर मैन अजयपाल शर्मा की थानेदारों की तबादलों की फाइल को डीएम बीएन सिंह ने वापस लौटा दिया। एसएसपी ने 10 थानेदारों के तबादलों के अनुमोदन के लिए फाइल भेजी थी। इस पर डीएम ने आपत्ति उठा दी है। डीएम ने एसएसपी को शासन के आदेश के बारे में भी याद दिलाया है। डीएम के पत्र के जवाब में एसएसपी लिखे पत्र पर, ट्रांसफर के अनुमोदन के लिए आई फाइल पर साइन कर मामले सुलझने की बात कह रहे है।

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आपको बता दें कि हाल ही में एक शासनादेश जारी हुआ है, जिसके अनुसार किसी भी जनपद में पुलिसकर्मियों का तबादला करने से पहले डीएम से अनुमति लेनी होगी। शुक्रवार को एसएसपी अजयपाल शर्मा ने जिले के कई थानेदारों को इधर-उधर किया था।इस दौरान 10 थानेदारों के ट्रांसफर किए गए। इसकी बाकायदा प्रेस रिलीज जारी का जानकारी दी गई। इतना ही नहीं कई पुलिसकर्मियों ने तो नया चार्ज भी संभाल लिया। इसके बाद शाम को अनुमति के लिए फाइल डीएम को भेजी गई। उन्होंने फाइल लौटा दी। इसके साथ ही जिले के कप्तान को पत्र लिखा कि इसके लिए पहले अनुमति ले ली जाती तो बेहतर होता।

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गौतम बुद्ध नगर में शुक्रवार को हुए 9 पुलिसकर्मियों के ट्रांसफर को लेकर जिले के एसपी और डीएम में ठन गई है। डीएम ने एसएसपी की ओर से आई ट्रांसफर के अनुमोदन की फाइल को वापस कर दिया है। कहा जा रहा है कि यह आईएएस और आईपीएस के अहम की लड़ाई शुरू हो गई है। एसएसपी ने डीएम से अनुमोदन लिए बगैर ही यह ट्रांसफर कर दिए थे। डीएम ने कहा है कि यह शासन की मंशा के अनुरूप नहीं है और इससे समाज में गलत संदेश गया है। उन्होंने एसएसपी को शासन के आदेश के बारे में भी याद दिलाया है।

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पत्र में डीएम ने लिखा है कि शासन के आदेशों के बावजूद उनकी अनुमति के बिना ट्रांसफर कर दिए गए और मीडिया को भी जानाकरी दे दी गई। साथ ही कुछ पुलिसकर्मियों ने नई तैनाती पर ज्वाइन भी कर लिया। पत्र में डीएम ने कहा है कि इससे गलत संदेश गया है। यह शासन की मंशा के अनुरूप नहीं है। पोस्टिंग करने से पहले उन से अनुमोदन लिया जाना चाहिए था। डीएम ने कहा है कि ऐसी परिस्थिति में वह ट्रांसफर के प्रस्ताव को वापस भेज रहे हैं। साथ ही यह अपेक्षा कर रहे हैं कि अगर भविष्य में शासन की मंशा के अनुसार अनुमोदन के लिए कोई प्रस्ताव लाया जाता है तो वह अपने पद की गरिमा को ध्यान में रखते हुए उसका सम्मान करेंगे।