कुछ दिनों पहले आधुनिक तकनिक से लैस महामना ट्रेन में टोटी, डस्टबिन चुराने का मामला सामने आया था। जिसके बाद सरकार ने ट्रेन की सुरक्षा और बढ़ा दी। लेकिन इस बार चोरों ने करोड़ों की लागत से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बना ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को ही अपना निशाना बनाया है। देश का आधुनिक और सबसे सुंदर एक्सप्रेसवे चोरों के लिए मुनाफे का सौदा साबित हो रहा है। जहां आये दिन इस एक्सप्रेसवें से सौलर पैनल सहित लाखों का कीमती सामान चोरी हो रहा है। इसके बाद भी एनएचएआई इस को गंभीरता से नहीं ले रहा है। हालत ये है कि एक्प्रेसवें पर बने देश की धरोवर के प्रचीन कलाकृतियों के माॅडल तक तोड दिये गये हैं।
27 मई को यूपी के बागपत में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना यानी ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे का उद्घाटन किया था। लेकिन अभी उसके उद्घाटन को एक महीने भी नहीं बीता की चोरों की नजर उस पर पड़ चुकी है। ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवो के उद्धघाटन को लेकर जितना शोर शराबा सरकार द्वारा किया गया और निर्माण कंपनी ने इसकी देख रेख के लिए जो सपने दिखाए वे धुमिल होते जा रहे हैं। न तो अभी तक एक्प्रेसवे का काम पूरा हो पाया है और न ही इस एक्सप्रेसवे पर सुरक्षा के कोई इंतजाम किये गये हैं। आलम यह है कि प्रतीक चिन्ह से लेकर लाईट तक के कोई इंताजम अभी तक एक्सप्रेसवे पर नहीं है। निर्माण कंपनी द्वारा इतनी लापरवाई बरती जा रही है कि हाईवे पर लगी सोलर लाईटे और उनको आपरेट करे वाले सिस्टम तक चोरी कर लिये गये है।
सोलर पैनल के अलावा बैटरी, लोहा और अंडर पास की लाइटें आदि सामान चुराकर ले गए। एनएचएआइ के अधिकारी नुकसान की सूची तैयार कर रहे हैं। डासना से कुंडली तक जगह-जगह सामान चोरी किया गया है। चोरी हुए सामान की कीमत लाखों रुपये होने का अनुमान है। एक्सप्रेस वे से उपकरण चोरी की घटनाएं पुलिस के सिर का दर्द बनती जा रही है।एसपी बागपत जयप्रकाश ने चोरी की घटनाओं को रोकने के आदेश दिये है। वहीं लगातार हो रही चोरी की घटनाओं से सवाल उठता है कि जब एक्सप्रेसवे के सामान ही सुरक्षीत नहीं है तो यात्रियों की सुरक्षा कैसे संभव है।