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महागठबंधन में आड़े आया यह नेता, इसलिए मायावती ने कर दिया अलग चुनाव लड़ने का ऐलान, हुआ खुलासा

बसपा और अजीत जोगी की पार्टी के बीच हुए समझौते के मुताबिक राज्य की कुल 90 सीटों में से बसपा 35 व छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

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sonia and mayawati

महागठबंधन में आड़े आया यह नेता, इसलिए मायावती ने कर दिया अलग चुनाव लड़ने का ऐलान, हुआ खुलासा

नोएडा। आगामी लोकसभा चुनाव भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ विपक्षी दलों की एकजुटता से प्रस्तावित महागठबंधन अब खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। दरअसल महागठबंधन में शामिल होने वाली एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी बसपा ने गुरूवार को मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में नवंबर-दिसंबर में प्रस्तावित विधानसभा चुनाव में कांग्रेस से अलग चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। इतना ही नहीं बसपा सुप्रीमो ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के बागी नेता अजीत जोगी की पार्टी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने का भी ऐलान कर दिया।

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बसपा और अजीत जोगी की पार्टी के बीच हुए समझौते के मुताबिक राज्य की कुल 90 सीटों में से बसपा 35 व छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस 55 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा बसपा मध्य प्रदेश की सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। बसपा सुप्रीमो ने मध्य प्रदेश की कुछ सीटों पर अपने प्रत्याशियों का भी ऐलान कर दिया। आपको बता दे कि मध्य प्रदेश विधानसभा अभी बसपा के विधायकों की संख्या चार है।

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मायवती के इस ऐलान से इन दोनों राज्यों में मुख्य विपक्षी दल की हैसियत वाली कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। क्योंकि कांग्रेस को उम्मीद थी कि इस बार बसपा के साथ चुनावी गठबंधन होने से उसकी दोनों राज्यों में उसकी चुनावी नैया पार लग जाएगी। साथ ही लोकसभा चुनाव में भी उसको बसपा का साथ मिलने बड़ा फायदा होगा। खासकर उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में जहां बसपा का जनाधार और लोकसभा की सीटें दोनों ही सबसे ज्यादा हैं।

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कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक बसपा मुखिया अपनी पार्टी से निष्कासित नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी को कांग्रेस द्वारा शामिल करने से नाराज थीं। आपको बता दे कि एक समय में नसीमुद्दीन सिद्दीकी बसपा सुप्रीमो के बेहद खास थे। लेकिन उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में पार्टी की करारी हार के बाद नसीमुद्दीन और मायावती के संबंध खराब हो गए। इसके बाद नसीमुद्दीन ने मायावती की टिकट के पैसे को लेकर मायावती द्वारा की गई बातचीत की कई ऑडियो क्लिप भी वायरल कर दी थी। जिससे नाराज होकर मायावती ने उसे 10 मई 2017 को पार्टी निकाल दिया था। उसके बाद फरवरी 2018 में नसीमुद्दीन को कांग्रेस ने शामिल कर लिया था। अब कांग्रेस सूत्रों के द्वारा मायावती की नाराजगी की सबसे बड़ी वजह नसीमुद्दीन को ही माना जा रहा है।