
नोएडा। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार की सख्ती के बाद अब कई मदरसे बंद होने वाले हैं। दरअसल, ये केवल कागजों पर ही चल रहे थे। डिजिटल इंडिया प्लान के बाद ऐसे मदरसों की असलियत सामने आने लगी है। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के बाद कई मदरसा संचालकों ने मान्यता वापस लेने के लिए भी लिखा है। उत्तर प्रदेश के मेरठ में ऐसे मामले सामने आए हैं।
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भाजपा सरकार में बढ़ी सख्ती
केंद्र की मोदी सरकार ने मदरसों के आधुनिकीकरण की योजना तैयार की थी। मेरठ में 118 मदरसों को योजना में शामिल किया गया। 2017 में हुए चुनाव के बाद राज्य में भाजपा सरकार आई तो मदरसों पर सख्ती भी बढ़ गई। ‘डिजिटल इंडिया प्लान’ के तहत मदरसों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हुआ तो फर्जी संचालकों की पोल ख्ुालने लगी। अब फंसने के डर से जिले के एक दर्जन से अधिक मदरसा संचालकों ने मान्यता वापसी के लिए लिखा है।
बंद कराने का किया आवेदन
अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के उपनिदेशक मोहम्मद तारिक का कहना है कि ऑनलाइन पंजीकरण के लिए सभी मदरसों को नोटिस जारी किया गया है। अभी 362 पंजीकरण करा चुके हैं। कुछ ने अपना मदरसा बंद करने और मान्यता वापसी का भी आवेदन किया है।
देहात में भी मिले कई फर्जी मदरसे
बताया जा रहा है कि ये फर्जी मदरसा केवल कागजों में चल रहे थे। जांच के दौरान तमाम मदरसे ऐसे मिले, जहां शिक्षक ही नहीं बल्कि इमारत भी नहीं थी। ऑनलाइन पंजीकरण के बाद अब मदरसा संचालकों को वसूली का डर सताने लगा है। इस कारण ही करीब 500 मदरसों में से आधे संचालकों ने ही रजिस्टेशन किया है। जांच में यह भी सामने आया है कि मेरठ में शहरी क्षेत्र के साथ ही सरधना, मवाना और माछरा ब्लाॅक में सबसे अधिक गड़बड़ी की गई थी। यहां कागजों में चल रहे कई मदरसे ढूंढे नहीं मिले।
Published on:
28 Feb 2018 12:08 pm
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