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बड़ी खबरः लोकसभा चुनाव से पहले जेल से जमानत पर बाहर अाएगा ये पूर्व बाहुबली सांसद

राजनीतिक गलियारों में शुरू हुर्इ ये चर्चा, इसलिए बाहर आएगा ये पूर्व सांसद

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नोएडा

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Nitin Sharma

Sep 19, 2018

dp yadav

बड़ी खबरः लोकसभा चुनाव से पहले जेल से जमानत पर बाहर अाएगा ये पूर्व बाहुबली सांसद

नोएडा।लोकसभा चुनाव 2019 को लेकर राजनीतिक पार्टियों की गठबंधन की तैयारी को लेकर सीटों की खींचतान मची है।वहीं चुनाव से पहले एक आैर पूर्व बाहुबली सांसद जेल से बाहर आने वाला है। इसके लिए कोर्ट ने उसे जमानत अर्जी दे दी है। हालांकि उससे पहले एक कोर्ट ने एक करोड़ रुपये जमा कराने शर्त रख दी है। यह दिग्गज पूर्व बाहुबली सांसद पिछले कर्इ सालों से जेल में बंद होने के साथ ही आजीवन कारावास की सजा काट रहा है। लेकिन अब उसके बाहर आने की बात को लेकर राजनीतिक गलियारों में चर्चा शुरू हो गर्इ है।

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इसलिए जेल से बाहर आ सकता है ये पूर्व बाहुबली सांसद

हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे यूपी के पूर्व बाहुबली सांसद डीपी यादव को मेडिकल अाधार पर 15 दिन की अंतरिम जमानत दी है।डीपी यादव देहरादून जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा है। मीडिया रिपोर्टस के अनुसार न्यायमूर्ति रजन गोगोर्इ की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने मंगलवार को डीपी यादव को ट्रायल कोर्ट के समक्ष एक करोड़ रुपये जमा कराने की शर्त के साथ अंतरिम जमानत दी है। जिसमें वह बाहर आकर इलाज कराएंगे।

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इस वजह से दी जा सकती है जमानत

जानकारी के अनुसार डीपी यादव को स्पाइनल सर्जरी कराने की जरूरत है। साथ ही डाॅक्टरों ने कहा था कि उन्हें हृदय संबंधी परेशानी है।एेसे में उसे एम्स दिल्ली में रेफर किया जाना चाहिए, लेकिन डीपी यादव ने एम्स दिल्ली की जगह अपने निवास गाजियाबाद के एक अस्पताल में इलाज कराने की इच्छा जाहिर की है।इसके लिए पीठ ने जल्द से जल्द डीपी यादव को सर्जरी की तारीख बताने के आदेश दिये है।साथ ही वह गाजियाबाद के किस अस्पताल में सर्जरी कराना चाहते है।इसके लिए भी पूछा गया है।

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इसलिए जेल में बंद है डीपी यादव

बता दें कि गाजियाबाद के विधायक महेंद्र भाटी की 13 सितंबर 1992 को हत्या हुई थी। इस बहुचर्चित हत्याकांड की सीबीआई जांच हुई थी। जांच और अदालत की कार्रवाई के बाद देहारदून की सीबीआई कोर्ट ने 28 फरवरी 2015 को डीपी यादव समेत 4 आरोपियों को दोषी करार दिया था। अदालत ने 10 मार्च को इस मामले में सजा सुनाते हुए डीपी यादव, करन यादव, प्रनीत भाटी और पाल सिंह उर्फ लक्कड़पाला को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। वहीं इसके बाद मृतक महेंद्र भाटी के पुत्र नितिश भाटी ने अलग से हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है। इसमें सभी आरोपियों को फांसी देने की सजा देने की मांग उन्होंने की थी।