
दादरी में एक के बाद एक मुसलमानों को गोली मारने वाला गैंग चढ़ा पुलिस के हत्थे
ग्रेटर नोएडा. पिछले एक माह में एक के बाद एक 5 मुस्लिमों पर सड़क से गुजरते वक्त गोली मारने की वारदात को अंजाम देने वाले सभी आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। ये लोग रात के 9 बजे से 11 बजे के बीच अचानक सड़क से गुजरने वाले मुस्लिमों पर पीछे से गोली मार कर भाग जाते थे। इन बाइक सवार हमलावरों के सभी हमले में जो बातें समान होती थी वह ये था कि हमलावर चुन-चुनकर सिर्फ मुसलमानों को ही अपना निशाना बनाता थी। दूसरी बता ये कि सभी पीड़ितों को कमर के नीचे गोली मारी गई। तीसरी बात ये कि सभी पीड़ितों को रात के 9 से 11 बजे के बीच मारी मारी गई थी। चौथी बात ये कि हमलावर किसी के साथ लूट-पाट जैसी घटना को अंजाम नहीं देता था। सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि हमलावर पीडितों को गोली मारने के बाद किसी भी तरह की लूट की वरदात को अंजाम नहीं देता था। हालांकि, इन में से कई पीड़िकों के जेब में हमले के वक्त अच्छी-खासी रकम होती थी, लेकिन हमलावर गोली मारने के बाद उन्हें छूता तक नहीं था। ये अपना निशाना सिर्फ सड़क से गुजरने वाले मुसलमानों को ही बनाता था। यानी इनके हमले के सभी शिकार मुस्लिम समाज से हैं।
पुलिस ने इस मामले में 3 लोगों को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया। पकड़े गए आरोपियों में से एक नाबालिक है। पुलिस के मुताबिक आरोपियों का पीडितों से एक दुकान पर चिकन खाने को लेकर झगड़ा हो गया था, जिसके बाद आरोपियों ने सबक सिखाने के लिए इस वारदात को अंजम दिया। हालांकि, पुलिस के इस खुलासे पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि पीडितों का कहना है कि न तो वे आरोपियों को जानते हैं और न ही कहीं उनसे मिले हैं। उनका कभी भी इन लड़कों में से किसी से भी कोई झगडा नहीं हुआ था।
केस-1
इन हमलावरों के शिकार बनने के बाद घर की खाट पर जिंदगी और मौत से जंग लड़ रहे शौकिन पेशे से मजदूर है। इनके सहारे ही इनका परिवार चलता है। घर में बूढ़ी मां और भाई हैं। दरअसल, 22 जुलाई को उसे बाइक सवार हमलावरों ने उस वक्त गोली मार दी, जब वे अपना मोबाइल रिचार्ज कराने के बाद रात के 9 बजे घर लौट रहे थे, तभी उनके कमर में गोली मारी गई। शौकीन की हालत इतनी खराब है कि अभी वह ठीक से बात भी नहीं कर पा रहा है।घायल होने के बाद उसे स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया था। लेकिन हालत ज्यादा खराब होने की वजह से उन्हें दिल्ली सफदरजंग अस्पताल में रेफर कर दिया गया। वहां उसका इलाज पूरा करने की बजाय, उसे अस्पताल से पहले ही घर भेज दिया गया। उसके शरीर में ज़ख्म का निशान साफ दिख रहा है, जिस पर मक्खियां भिनभिना रही थीं। इसकी हालत देखकर ऐसा लगता है कि उसका इन्फेक्शन लगातार बढ़ता जा रहा है। शौकिन कहते है की उन्हें किसने और क्यों गोली मारी, उन्हें पता नहीं। वे कहते है कि महारी तो किसी से रंजिश भी नहीं थी।
केस-2
शौकिन के जैसे ही वारदात दादरी इलाके के नयी बस्ती में रहने वाले इस 57 साल के फैयाज के साथ हुई। फैयाज पेशे से दर्जी हैं। 10 जुलाई की रात 10 बजे साइकिल से आपने घर लौट रहे थे। तभी दादरी मेन रोड पर बाइक पर सवार होकर आए 2 लोगों ने पीछे से आकर उनकी कमर के पीछे गोली मार दी। फैयाज साइकिल से गिर गए। गोली मारने के बाद बदमाश मौके से फरार हो गए। लेकिन चौकाने वाली बात ये है कि बदमाशों ने फ़ैयाज़ के पास पड़े 30 हज़ार रुपए को हाथ तक नहीं लगाया। मानो हमलावरों का मकसद न लूट करना था और ना जान लेना। बस वह दहशद फैलाना चाहता था।
केस-3
ऐसे ही 9 अगस्त की रात दादरी के मेवातियन मोहल्ले में रहने वाला पेशे से ड्राइवर 24 साल का सलमान अपने दोस्त अफसर के साथ दुकान पर जा रहे थे। रात 10 बजकर 20 मिनट पर 2 बाइक सवार लड़कों ने बिना बातचीत किए उसकी कमर के पीछे और अफसर के पैर में गोली मार दी। हालांकि, इस हमले के दोनों पीड़ित अब खतरे से बाहर हैं। अफसर का इलाज चल रहा है। सलमान के मुताबिक हमलावरों ने उनसे कोई बातचीत नहीं की। सीधे गोली मारी और भाग गए। पीड़ितों के मुताबिक उनकी किसी से कोइ दुश्मनी नहीं है और न ही उनका कभी किसी से कोई झगड़ा हुआ।
केस-4
इसी प्रकार दादरी की नई बस्ती में रहने वाले 14 साल के फैज़ान के साथ भी ऐसा हुआ। 12 जुलाई को जब वह अपने पिता की मीट की दुकान से लौट रहा था तो दादरी मेन रोड पर रात करीब 9बजकर 40 मिनट पर बाइक पर सवार 2 लोग पीछे से आए और उसकी कमर के पीछे गोली मार दी। इस 14 साल के बच्चे की किसी से क्या दुश्मनी होगी ? मोहम्मद फैज़ान के मुताबिक वे लोग बाइक पर सवार थे और गोली मारने के बाद अंधेरे में तेज स्पीड से निकल गए। फैज़ान के पिता निज़ामुद्दीन के मुताबिक उनकी या उनके बच्चे की किसी से कोई रंजिश नहीं है। फैज़ान अब खतरे से बाहर है और अपने घर पर है।
इन सारी वरदातों में खास बात ये है कि सभी को गोली एक ही पैटर्न पर कमर के पीछे मारी जाती थी। केवल अफसर के पैर में गोली लगी है। गोली मारने का समय रात 9 से 11 के बीच है और निशाना एक ही समुदाय के गरीब तबके के लोगों को बनाया जा रहा था। इन हमलावरों ने जिन लोगों को अपना शिकार बनाया वह बेहद ही गरीब परिवारों से हैं। उन्हें न तो कानून का ज्ञान है और न कोर्ट कचहरी की समझ। उनके पास इलाज़ तक के पैसे नहीं हैं। ये सभी वारदात पीछले एक महिने में हुई है।
Published on:
15 Aug 2018 02:37 pm
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