
इस दिन से शुरू हो रहे हैं गुप्त नवरात्र, पूजा का मिलेगा विशेष फल
नोएडा। मां दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए वैसे तो सभी दिन मां का ध्यान लगाना चाहिए, लेकिन कुछ दिन ऐसे होते हैं, जिनमें पूजा करने से विशेष फल मिलता है। जैसे साल में पड़ने वाली चैत्र और शारदीय नवरात्र। इनके अलावा साल में दो नवरात्र और होते हैं, जिनका बहुत कम लोगों को ज्ञान है। ये हैं आषाढ़ और माघ मास के गुप्त नवरात्र। नोएडा के सेक्टर-44 के रहने वाले पंडित रामप्रवेश तिवारी का कहना है कि गुप्त नवरात्र तंत्र विद्या में विश्वास रखने वालों के लिए बहुत खास होती है।
तांत्रिकों के लिए है महत्वपूर्ण
उनका कहना है कि नवरात्र में मां दुर्गा के नौ रूपों की विशेष रूप से विधि-विधान के साथ पूजा-अर्चना की जाती है। साल में दो बार ऐसी नवरात्र आते हैं। इनको चैत्र और शारदीय नवरात्र के रूप में जाना जाता है। उनके अनुसार, साल में दो नवरात्र और भी हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। इन्हें गुप्त नवरात्र कहते हैं। इन नवरात्रों में मां दुर्गा की साधना चैत्र और शारदीय नवरात्रों से काफी कठिन होती है। इन्हें गुप्त नवरात्र इसलिए कहा जाता है क्योंकि इनमें मां की आरधना गुप्त रूप से की जाती है। इसमें मां का ध्यान लगाने से विशेष फल मिलता है। ये नवरात्र तांत्रिकों के लिए काफी महत्व रखते हैं।
13 जुलाई से होंगे शुरू
उनका कहना है कि गुप्त नवरात्र माघ और आषाढ़ मास में मनाए जाते हैं। 13 जुलाई से आषाढ़ मास की गुप्त नवरात्र शुरू होंगे। ये शुक्ल पक्ष प्रतिपदा से लेकर नवमी तिथि तक मनाई जाते हैं। इसकी पूजा 13 जुलाई से शुरू होकर 21 जुलाई तक की जाएगी।
यह है कथा
पौराणिक कथा के अनुसार, एक बार ऋषि श्रंगी अपने अनुयायियों के साथ बैठे थे। इस बीच एक स्त्री ने ऋषि से कहा कि उसके पति गलत आदतों में पड़ गए हैं, जिस कारण वह धार्मिक कार्य या व्रत आदि नहीं कर पाती। उसके पति के गलत कार्यों की वजह से उसे मां की कृपा नहीं मिल पा रही है। इस पर ऋषि बोले कि वासंतिक और शारदीय नवरात्र से सभी परिचित हैं। इनके अलावा वर्ष में दो बार गुप्त नवरात्र भी होती हैं। इनमें मां की 10 महाविद्याओं की साधना की जाती है। यदि वह गुप्त नवरात्र में मां की आराना करे तो उनका आशीर्वाद मिलेगा। इसके बाद उस स्त्री ने मां की ध्यान लगाकर पूजा की, जिससे उसका पति सही रास्ते पर आ गया और उसके घर में खुशियों का आगमन हुअा।
गुप्त नवरात्र
13 जुलाई- घट स्थापन व मां शैलपुत्री की पूजा
14 जुलाई- मां ब्रह्मचारिणी की पूजा
15 जुलाई- मां चंद्रघंटा की पूजा
16 जुलाई- मां कुष्मांडा की पूजा
17 जुलाई- मां स्कंदमाता की पूजा
18 जुलाई- मां कात्यायनी की पूजा
19 जुलाई- मां कालरात्रि की पूजा
20 जुलाई- मां महागौरी पूजा, दुर्गा अष्टमी
21 जुलाई- मां सिद्धिदात्रि, नवरात्र पारण
Published on:
29 Jun 2018 05:37 pm
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