दरअसल, बात हो रही है जनरल शाहनवाज खान की, जिस समय 1965 में पाकिस्तान के खिलाफ युद्ध चल रहा था और भारत की फौजें उससे मुकाबला कर रही थीं, उस समय पकिस्तानी सेना में कर्नल थे महमूद अली, जो बाद में और बड़े पद पर पहुंचे। जब देशभर में ये बात जंगल में आग की तरह फैली तो सनसनी फैल गई। तब वह देश में केद्रीय कृषि मंत्री थे।