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चुनाव से पहले बायर्स ने चलाया ‘नो हाउस-नो वोट’ अभियान’, भाजपा की बढ़ सकती है मुश्किलें

बायर्स ने एकजुट होकर एक ऐसा कैंपेन चलाने का फैसला किया है जिससे कहीं न कहीं भाजपा की मुश्कीलें बढ़ सकती है।

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नोएडा। कई साल से सपनों का आशियाना नहीं मिलने से नाराज बायर्स को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जिसके बाद अब आम्रपाली के हजारों बायर्स ने राहत की सांस ली है। वहीं बायर्स ने एकजुट होकर एक ऐसा कैंपेन चलाने का फैसला किया है जिससे कहीं न कहीं भाजपा की मुश्कीलें बढ़ सकती है।

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दरअसल, पिछले लंबे समय से अपने फ्लैटों की मांग कर रहे बायर्स ने अब ‘नो हाउस-नो वोट’ अभियान चलाने का ऐलान किया है। सेक्टर-29 में आयोजित प्रेस कान्फ्रेंस में नेफोवा के कुमार मिहिर ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने आम्रपाली के प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए को-डेवलपर्स की नियुक्ति के लिए हरी ­झंडी दे दी है। इनमें गैलेक्सी डेवलपर्स, कन्नौडिया सीमेंट और आईआईएफएल शामिल हैं। अब इन तीनों कंपनियों को आम्रपाली के अलग-अलग प्रोजेक्ट्स को तय समय में पूरा करने की जिम्मेदारी दी गई है।

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इस दौरान नेफोवा की पदाधिकारी श्वेता भारती और अभिषेक कुमार ने बताया कि कोर्ट द्वारा सभी प्रोजेक्ट्स को ए, बी और सी कैटेगरी में बांटा गया है। सी कैटेगरी का मतलब है कि उस प्रोजेक्ट पर अभी तक कोई काम ही नहीं हुआ है। इस तरह के प्रोजेक्ट्स में फ्लैट बुक करने वाले लोगों को दूसरे प्रोजेक्ट में शिफ्ट किया जाएगा और जो इस बात के लिए तैयार नहीं हैं, उन्हें रिफंड कर दिया जाए।

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साथ ही नेफोवा के पदाधिकारियों ने ‘नो हाउस-नो वोट’ के नारे को भी बुलंद किया और कहा कि बायर्स अब इसे अभियान के तौर पर चलाएंगे और जब तक सभी लोगों को घर नहीं मिल जाते तब तक किसी को भी वोट नहीं देंगे।