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“मैं पहलवान की बेटी हूं…” पहली बार मंच पर बोलीं बृजभूषण की बेटी शालिनी, शायरी में दिखा जज़्बा

पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह ने पहली बार कवि सम्मेलन में शायरी पढ़ी। नोएडा में मंच से बोलीं- 'मैं पहलवान की बेटी हूं', फिर पिता और भाइयों के लिए जोश से भरी कविताएं सुनाईं। कहा - "अब मैं भी लडूंगी, अब मैं भी लौटूंगी।" शब्दों में दिखाई दिया वही दम, जो अखाड़े में उनके पिता के हाथों में था।

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Noida

नोएडा में मंच से कविता पाठ करती शालिनी सिंह फोटो सोर्स वायरल वीडियो के स्क्रीनशॉट से

बहराइच के कैसरगंज लोकसभा सीट से भाजपा के पूर्व सांसद बृजभूषण शरण सिंह की बेटी शालिनी सिंह ने पहली बार किसी सार्वजनिक मंच से शायरी प्रस्तुत की। शनिवार को नोएडा सेक्टर-121 स्थित होम्स 121 सोसाइटी में हुए कवि सम्मेलन में शालिनी ने अपने पिता और भाइयों के लिए कई भावपूर्ण कविताएं पढ़ीं।

मंच पर पहुंचते ही उन्होंने कहा, “मैं पहलवान की बेटी हूं, आज पहली बार कविता पढ़ने आई हूं। यह मेरा पहला कवि सम्मेलन है।” शालिनी ने मुस्कराते हुए अपने भाइयों करण भूषण और प्रतीक भूषण को “बाहुबली” बताया और कहा कि यह कविता कुश्ती संघ अध्यक्ष सतपाल यादव के नाम है। “उन्हें भेज दीजिएगा।

इसके बाद उन्होंने कई जोशीली पंक्तियां सुनाईं

“जब पीठ सटा दी मेरी, तो अब मैं भी धक्का मारूंगा,
बहुत हुआ सम्मान, अब मैं भी मुक्का मारूंगा।
अब मैं भी लडूंगा, अब मैं भी वापस आऊंगा।

शालिनी, बृजभूषण सिंह की इकलौती पुत्री हैं। अब तक पांच पुस्तकें लिख चुकी हैं। उनके पति विशाल सिंह, भाजपा से जुड़े हैं। और राष्ट्रीय उपभोक्ता सहकारी संघ (NCCF) के चेयरमैन हैं। फिलहाल शालिनी अपने पति विशाल सिंह के साथ नोएडा में रहती हैं।

उन्होंने अपने छोटे भाई करण भूषण सिंह की लोकसभा जीत पर भी एक भावुक कविता सुनाई

रणभूमि से लौटकर मां जब तेरे गले लगा,
हर घाव मध्यम लगा, आंसू खुशी के थे मां।
तेरे लिए मैं हर युद्ध जीतकर आ सकता हूं।”

कवियों को सम्मानित करते हुए उन्होंने कहा

“किसी तलवार या खंजर से नहीं मारूंगी,
यह वादा है मेरा, पीठ पर वार नहीं करूंगी।
जब कलम चलेगी, शब्दों से ही जवाब दूंगी।”

आखिर में उन्होंने अपने लेखकीय अंदाज में समापन किया

एक सल्तनत है लफ्ज़ों की, हम दिखावा नहीं करते,
हम लिख देते हैं इतिहास, हम दावा नहीं करते।
हम आएंगे तूफान बनकर, स्वागत की तैयारी रखना।