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Happy Independence Day 2018: इस तरह के खास संदेश और मैसेज दोस्तों के साथ शेयर करें

15 August: इन messages, SMS और शायरी से दोस्तों को करें Happy Independence Day wish,

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15 august

Happy Independence Day 2018: इस तरह के खास संदेश और मैसेज दोस्तों के साथ शेयर करें

नोएडा। 15 अगस्त को भारत स्वतंत्रा दिवस की 71वीं वर्षगाठ मनाने जा रहा है। आजादी के 70 साल पूरे होने पर जहां प्रधानमंत्री लाल किले से तिंरगा फहरांगे वहीं देश भर में इस राष्ट्रीय पर्व पर तरह-तरह के कार्यक्रम किए जाएंगे। इस खास पर्व के मौके पर क्या बड़े बुजुर्ग, युवा बच्चों से लेकर महिलाएं भी एक दूसरे को स्वतंत्रता दिवस और जश्न ए आजादी की बधाई देते हैं। इसके लिए अगर हमारे अपने या मित्र आसपास होते है तो आसानी से शुभकामनाएं और बधाई देते हैं लेकिन जो दूर हैं उनके लिए हम खास मैसेज का प्रयोग करते हैं। वैसे चंद लाइनों के जरिए हम अपनी इस आजादी के मतलब को बयां नहीं कर सकते लेकिन फिर भी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए काफी मदद करते हैं।

15 अगस्त के विशेष अवसर पर भेजिए कुछ इस तरह के संदेश -

भरा नहीं भावों से जिसमें बहती रसधार नहीं।

वो हृदय नहीं पत्थर है जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं.

आजादी की कभी शाम नही होने देंगे,
शहीदों की क़ुरबानी बदनाम नही होने देंगे,
बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
बची हो जो एक बूंद भी लहू की,
तब तक भारत माता का आंचल निलाम नही होंगे देंगे.

वतन हमारा मिसाल है मोहब्बत की,
तोड़ता है दीवारें नफरत की,
ये मेरी खुश नसीबी है जो मिली जिन्दगी इस चमन में.
और भुला न सके कोई भी इसकी खूशबु सातों जनम में.

संस्कार और संस्कृति की शान मिले ऐसे,
हिन्दू मुस्लिम और हिंदुस्तान मिले ऐसे
हम मिलजुल के रहे ऐसे की
मंदिर में अल्लाह और मस्जिद में राम मिले जैसे.

क्यों मरते हो यारों सनम बेवफा के लिए,
जो कभी नहीं देगी अपना दुप्पटा तुम्हारे कफन के लिए
मरना है तो मरो अपने वतन के लिए
कम से कम तिरंगा तो मिले जायेगा कफन के लिए.

भूल न जाना भारत माँ के सपूतों का बलिदान,
इस दिन के लिए जो हुए थे हंसकर कुर्बान,
आज़ादी की ये खुशियाँ मनाकर लो ये शपथ
की बनायेंगे देश भारत को और भी महान..

जश्न आजादी का मुबारक हो देश वालो को,
फंदे से मोहब्बत थी हम वतन के मतवालो को।

न आंखों की दो बूंदों से सातों सागर हारे हैं,
जब मेहँदी वाले हाथों ने मंगल-सूत्र उतारे हैं ।

कुछ तो बात है मेरे देश की मिट्टी में साहेब
सरहदें कूद के आते हैं यहाँ दफन होने के लिए ।

वो ज़िन्दगी ही क्या जिसमे देशभक्ति ना हो।
और वो मौत ही क्या जो तिरंगे में ना लिपटी हो।

शहीदों के त्याग को हम बदनाम नही होने देंगे,
भारत की इस आजादी की कभी शाम नही होने देंगे ।

उस धरती पे मैने जनम लिया, ये सोच के मैं इतराता हूँ
भारत का रहने वाला हूँ, भारत की बात सुनाता हूं।