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रिकॉर्ड आधे वक्त में बनकर तैयार होने जा रहा है भारत का यह एक्सप्रेसवे, नहीं लगेगा एक्सट्रा टोल

ओवरलोड वाहनों के लिए की गई पहली बार ये विशेष व्यवस्था

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नोएडा। देश में राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण के इतिहास में पहली बार रिकॉर्ड बनने जा रहा है। दरअसल राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) 135 किलोमीटर लंबे ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे को निर्धारित समय से लगभग आधे वक्त में पूरा कराने जा रहा है।

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एनएचएआई इस ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेसवे को 500 दिनों के रिकॉर्ड वक्त में बनाकर तैयार करने जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक सरकार ने इसके निर्माण के लिए 910 दिनों का वक्त तय किया था, लेकिन अब यह उससे आधे वक्त में ही बनकर तैयार होने जा रहा है।

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प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस महीने के अंत में पीएम नरेंद्र मोदी और केंद्रीय सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्री नितिन जयराम गडकरी इस एक्सप्रेसवे का उद्घाटन करेंगे। 135 किलोमीटर लंबा यह एक्सप्रेसवे पलवल, गाजियाबाद और नोएडा को सीधे तौर पर जोड़ेगा। इसके पूरा होते ही हरियाणा से यूपी और यूपी से हरियाणा जाने वाले वाहनों का दिल्ली से गुजरना बंद हो जाएगा।

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इसके चलते सफर का समय कम होगा और दिल्ली में वाहनों के चलते होने वाले प्रदूषण में भी कमी आएगी। एनएचएआई के एक इंजीनियर के मुताबिक इस एक्सप्रेसवे की खास बात यह होगी कि इसमें आपको सिर्फ उतना ही टोल टैक्स चुकाना होगा, जितनी दूरी तक आप सफर करेंगे। यही नहीं, इस पर टोल कलेक्शन की ऑटोमेटिक व्यवस्था होगी ताकि ट्रैफिक का मूवमेंट बाधित न हो।

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ओवरलोड वाहनों की होगी नो एंट्री
एक्सप्रेसवे के सभी एंट्री पॉइंट्स पर ऐसे सेंसर लगाए गए हैं, जिनसे किसी भी ओवरलोड वाहन के बारे में पता चल जाएगा और उनकी एक्सप्रेसवे पर एंट्री ही नहीं होगी। हालांकि टोल प्लाजा पर इस तरह के सेंसर लगाए जाते हैं, जिससे वाहनों के ओवरलोड पाए जाने पर उन्हें वापस कर दिया जाता है पर इस एक्सप्रेसवे में एंट्री पॉइंट्स पर
ही ऐसे सेंसर लगाए जा रहे हैं जिनसे ओवरलोड वाहन एंट्री ही नहीं कर पाएंगे।

पार्किंग की भी है व्यवस्था
एनएचएआई के मुताबिक एक्सप्रेसवे के पास पार्किंग की सुविधा भी दी गई है ताकि ओवरलोडेड ट्रक वहां पर अपना सामान उतारने के बाद निश्चित वजन के साथ ही आगे की दूरी तय करें। यह देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग है। साथ ही वाहनों की गति को नियंत्रित रखने के लिए हर दो किलोमीटर की दूरी पर कैमरे लगाए गए हैं। निर्धारित स्पीड लिमिट से अधिक तेजी से चलने वाले वाहनों का इलेक्ट्रॉनिक चालान काटा जाएगा और वह टोल के साथ ही जोड़कर भेजा जाएगा। इससे ओवरस्पीड