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रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह पर इस नेता ने कर दी ये टिप्पणी तो कार्यक्रम में मच गया बवंडर

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मुजफ्फरनगर शाखा ने शनिवार को कसबे में स्थित एक फार्म हाउस पर सम्मेलन का आयोजन किया।

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मुजफ्फरनगर: बुढ़ाना में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के जाट महासम्मेलन में रालोद मुखिया चौधरी अजीत सिंह के प्रयासों को लेकर वक्ताओं के बीच मतभेद नजर आए। पहले एक वक्ता ने रालोद अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह के प्रयासों की सराहना की तो संघर्ष समिति के सदस्यों ने विरोध किया। बाद में जाट आरक्षण संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी यशपाल मलिक ने तो यहां तक कह दिया कि चौधरी अजीत सिंह का मनमोहन सरकार पर कोई दबाव नहीं था। संघर्ष समिति के दबाव पर उस समय सरकार ने आरक्षण देने का फैसला लिया था। इसके बाद चौधरी अजीत सिंह समर्थक सम्मेलन का बहिष्कार कर चले गए।

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अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति की मुजफ्फरनगर शाखा ने शनिवार को कसबे में स्थित एक फार्म हाउस पर सम्मेलन का आयोजन किया। इसमें सुरेंद्र सहरावत ने जाट आरक्षण की वकालत करते हुए विचार रखे। उन्होंने कहा कि चौधरी अजीत सिंह ने आरक्षण दिलवाने का पूूरा प्रयास किया। इस पर समिति के कई कार्यकर्ताओं ने विरोध जताया। इसी दौरान चौधरी जगपाल सिंह ने कहा कि जाट महासम्मेलन में जाटों का नाम नहीं लिया जाएगा तो इस सम्मेलन का कोई महत्व नहीं होगा।

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गांव फुगाना निवासी चौधरी मुकेश मलिक व पूर्व प्रधान थाम सिंह ने माहौल को संभालते हुए शांत करने का प्रयास किया। इसी बीच संघर्ष समिति के राष्ट्रीय अध्यक्ष यशपाल मलिक ने माइक संभाला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार में जाट आरक्षण हमारे दबाव के कारण दिया गया था। तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह भी यह आरक्षण नहीं दिलवा सके थे। चौधरी अजीत सिंह का सरकार पर कोई दबाव नहीं था। वे आरक्षण नहीं दिलवा पाए। उनकी इस टिप्पणी से कुछ लोग आक्रोशित हो गए।

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पूर्व प्रधान चौधरी धाम सिंह, मुकेश मलिक, जयपाल सिंह, जगपाल सिंह, यशवीर सिंह सहरावत, सुरेंद्र सहरावत, अरुण सहरावत, पूर्व चेयरमैन बिजेंद्र सहरावत व किरणपाल सिंह सहित काफी लोग जाट सम्मेलन का बहिष्कार कर चल दिए। इस दौरान यशपाल मलिक ने कहा कि कुछ लोग फूट डालने के लिए आते हैं। इसी कारण हमारे आंदोलन सफल नहीं हो पाते। उन्होंने बिरादरी के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि भाजपा जाटों के आरक्षण के खिलाफ है। सीमावर्ती प्रदेश हरियाणा में जाटों का शोषण हो रहा है। इस मौके पर संघर्ष समिति के प्रदेश के मुख्य महासचिव बीरपाल राणा ने भी कहा कि जब तक बिरादरी एक नहीं होगी, उनकी समस्या का समाधान नहीं होगा। उन्होंने बिरादरी के लोगों से एकजुट होने का आह्वान किया। कार्यक्रम में समिति के प्रदेश अध्यक्ष जगतवीर सिंह, प्रमोद अहलावत आदि ने भी विचार व्यक्त किए।