
नोएडा। शहर के औद्योगिक इलाकों में बसी हुई जेजे कॉलोनी में सकरी गलियां, सोशल डिस्टेंसिग न होने के कारण कोरोना वायरस के मामले सामने आए थे। सेक्टर 8 के जेजे कॉलोनी में पिछले दिनों मिले करोना पॉजिटिव मरीज के बाद जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग एक्टिव हो गया है। सभी झुग्गी बस्तियों में ड्रोन के माध्यम से अथॉरिटी सैनिटाइजेशन करा रही है। वहीं, अब नोएडा के सेक्टर 16 और 17 की झुग्गियों में सैनिटाइजेशन किया गया। इसके लिए कोरॉना कॉम्बैट मल्टी पर्पज ड्रोन का इस्तेमाल किया गया। ड्रोन की खासियत है कि यह केमिकल के छिड़काव के साथ थर्मल इमेजिंग कैमरा की मदद से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान कर लेता है।
ड्रोन की मदद से जेजे कॉलोनी में सैैनिटाइजेशन किया गया है। साथ इसमे लगा थर्मल इमेजिंग कैमरा की मदद से कोरोना संक्रमित व्यक्तियों की पहचान की जा रही है। यह ड्रोन कोरोना संक्रमित व्यक्तियों को चिहिन्नत कर लेता है। थर्मल इमेजिंग कैमरा, स्पीकर आवश्यक दवाइयों रखने के लिए पोर्टल कोरोना टेस्टिंग किट रखने एवं आवश्यक स्थानों पर पहुंचाने के लिए उपयुक्त है। नोएडा प्राधिकरण के ओएसडी इंदु प्रकाश ने बताया कि इंडियन रोबोटिक सॉल्यूशन कंपनी का यह रॉबोट कोरोना संकट से निपटने में काफी मददगार साबित हो सकता है।
ड्रोन बनाने वाली कंपनी के इंजीनियर सागर ने बताया कि यह ड्रोन निगरानी के साथ—साथ सैनिटाइजेशन का काम करता है। इसमें 10 लीटर की टंकी लगी हुई है। उन्होंने बताया कि कोरोना संकट में ड्रोन में कई और बदलाव किए गए हैं। समय की मांग के मद्देनजर ऐसा ड्रोन बनाया गया है, जिसमें मेडिसिन बॉक्स और वार्निंग के लिए स्पीकर लगाया गया है। इसमें नाइट विजन और एक थर्मल कैमरा लगाया गया है। यह 15 से 20 मीटर ऊपर से ही वह व्यक्ति का टेंपरेचर नाप सकता है। इसमें नाइट विजन कैमरा भी लगाया गया है।
Published on:
12 Apr 2020 08:47 am
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