
नोएडा. आपने अक्सर नोएडा के बारे में बहुत सी बातें सुनी होंगी, लेकिन क्या आपने उस मंदिर के बारे में सुना है जिसका इतिहास नोएडा शहर से भी पुराना है। दरअसल, नोएडा की स्थापना 1976 में हुई थी, लेकिन यहां मौजूद प्राचीन लाल मंदिर की स्थापना 1963 में की गई थी। शहर के सेक्टर-2 में मौजूद इस मंदिर की बहुत मान्यताएं हैं, जिसके चलते यहां भक्तों का तांता लगा रहता है।
सेक्टर-2 स्थित प्राचीन लाल मंदिर में नवदुर्गा के विभिन्न रूपों की मूर्तियां व शिव परिवार व अन्य देवी-देवताओं की आकर्षक प्रतिमाएं विराजमान हैं। लोगों का कहना है कि जिस समय ये मंदिर बना था उस समय नोएडा का अस्तित्व भी नहीं था और जिस जमीन पर मंदिर का निर्माण हुआ वह किसी समय पर हरौला ग्राम सभा की जमीन हुआ करती थी। इस मंदिर की स्थापना गांव के प्रधान अनंतराम अवाना ने की थी।
मंदिर में सबसे पहले शिवलिंग की हुई थी स्थापना
लाल मंदिर के पुजारी ने बताया कि मंदिर में सबसे पहले शिवलिंग की स्थापना की गई थी। बाद में उत्तराखंड से प्रसिद्ध संत मथुरा दास यहां आए और यहीं रहकर उन्होंने इस मंदिर का विस्तार करना शुरू किया। मंदिर में 1985 में दुर्गा दरबार की स्थापना की गई। जिसके लिए स्वर्गीय भजन गायक गुलशन कुमार ने भी अर्थदान किया था। इसके बाद यहां राधा-कृष्ण व अन्य प्रतिमाओं की भी स्थापना की गई।
ये हैं विशेषताएं
जैसा की नाम से ही प्रतीत होता है कि यह मंदिर लाल पत्थरों से बना है। इसलिए ही इसका नाम लाल मंदिर रखा गया। इस मंदिर की खूबसूरती भी भक्तों को यहां आने के लिए आकर्षित करती है। यहां लोगों को आने पर शांति मिलती है और उनकी मनोकामनाएं भी पूरी हो जाती हैं।
गुलशन कुमार ने बनवाया था आंगन
इस प्राचीन लाल मंदिर को खूबसूरत बनाने में गुलशन कुमार का बहुत बड़ा योगदान रहा है। दरअसल, उन्होंने फिल्मों की शूटिंग के लिहाज से इस मंदिर के आंगन को बनवाया था। यहां सुंदर क्यारियां और कई प्रकार के पेड़-पौधे व फूल लगाए गए हैं। मंदिर की इस खूबसूरती को देखकर लोगों के चेहरे फूलों की तरह ही खिल उठते हैं।
शिवरात्रि पर लगता है भक्तों का तांता
शहर का सबसे पुराना और प्राचीन मंदिर होने के चलते यहां हर साल शिवरात्रि पर भक्तों का तांता लगता है। इस दौरान मंदिर में विशेष तैयारियां की जाती हैं। वहीं सुरक्षा के मद्देनजर भी मंदिर पर पुलिस की तैनाती की जाती है।
दूर-दूर से दर्शन करने आते हैं लोग
यहां के पुजारी पंडित विनोद शास्त्री ने बताया की मंदिर में रोजाना सुबह 4:30 बजे मंदिर के कपाट खोल दिए जाते हैं और 6:30 बजे यज्ञ का आयोजन किया जाता है। मंदिर में आने वाले भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं और इस मंदिर में दर्शन करने के लिए दूर दूर से लोग आते हैं।
Published on:
13 Jan 2018 09:06 am
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