
नोएडा। उत्तर प्रदेश में तीन लोकसभा और एक विधानसभा सीट का उपचुनाव हारने के बाद भारतीय जनता पार्टी चिंतित है। उसे महागठबंधन होने की स्थिति में अपना मिशन 2019 खटाई में पड़ता नजर आ रहा है। इसी को लेकर पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में प्रदेश कार्यसमिति की बैठक बुलाई है। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में पार्टी मुख्य रूप से दलित वोट बैंक को लेकर मंथन करेगी।
आपको बता दें कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा और नूरपुर विधानसभा सीट पर चुनाव हारने का कारण पार्टी जाट वोट बैंक का उससे छिटकना मानती है। अब पार्टी का फोकस दलित वोट बैंक को उससे जोड़ने पर है। कैराना सीट पर रालोद के टिकट पर महागठबंधन प्रत्याशी तबस्सुम हसन व नूरपुर सीट पर सपा के टिकट पर महागठबंधन प्रत्याशी नईमउल हसन ने जीत दर्ज की थी। इस उपचुनाव में भाजपा का मानना है कि उसे दलित व जाट वोट बहुत ही कम संख्या में मिला।
इसी रणनीति के चलते उसने मेरठ की दलित नेता कांता कर्दम को राज्यसभा में भेजा था। इसके साथ ही कैराना और नूरपुर उपचुनाव में कर्दम को दलित वोटरों को पार्टी से जोड़ने की जिम्मेदारी सौंपी थी। आपको बता दे कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश में आए दिन दलित और सवर्णों में संघर्ष होता रहता है। दो दिन पूर्व ही जिले के दो गांवों में राजपूत और दलित समाज के लोगों में जातीय संघर्ष हुआ है, जिसमें एक दलित युवक की मौत हो गई। अन्य विपक्षी पार्टियां इस मामले को लेकर भाजपा पर हमलावर हैं।
इसके अलावा दलित संगठन भीम आर्मी एकता मिशन की सक्रियता को देखते हुए पार्टी दलितों को लेकर चिंतित है। मेरठ में 11 व 12 अगस्त को चलने वाली पार्टी की बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर रणनीति बनाने के साथ ही पार्टी अध्यक्ष कार्यकर्ताओं, विधायकों व सांसदों को जीत का मंत्र भी देंगे।
Published on:
11 Aug 2018 02:42 pm
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