
ड्यूटी में रहते हुए यूपी पुलिस के कांस्टेबल ने लड़ा था चुनाव अब मिलेगी सजा!
नोएडा।नियम आैर कानून के अनुसार सरकारी नौकरी में रहते हुए कोर्इ भी कर्मचारी चुनाव नहीं लड़ सकता है, लेकिन यह नियम कानून के रखवाले ने ही तोड़ दिया।इसकी वजह यूपी पुलिस के कांस्टेबल आैर उसकी पत्नी द्वारा चुनाव मैदान में उतरने का आरोप लगना है।इतना ही नहीं सिपाही ने चुनाव लड़ा। जिसकी शिकायत अब एसपी सिटी के सामने आर्इ है।वही एसपी सिटी ने इस मामले की जांच एसडीएम दादरी को सौंप दी है।अब अधिकारी इस मामले की जांच में जुट गये है।
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यूपी के इस जिले से लड़ा था चुनाव
जानकारी के अनुसार ग्रेटर नोएडा के मिर्जापुर निवासी सुशील कौशिक 1989 में यूपी पुलिस में कांस्टेबल के पद पर भर्ती हुए थे।इसके बाद उन्होंने विभाग को दिए दस्तावेजों में बताया था कि उनका परिवार हरियाणा के फरीदाबाद में शिफ्ट हो गया है।वहीं आरोप है कि वर्ष 2016 में दनकौर ब्लॉक के मिर्जापुर ग्राम पंचायत से सिपाही और उसकी पत्नी ने प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ा था।हालांकि उन्होंने इसमें सफलता नहीं मिली।लेकिन इसके दो साल बाद यानिक 28 जनवरी 2018 को सिपाही सुशील कौशिक के पंचायत चुनाव लड़ने की शिकायत एसपी सिटी को मिली थी।शिकायत में कहा गया है कि सिपाही और उसकी पत्नी गीता कौशिक जनपद के दनकौर ब्लॉक के मिर्जापुर ग्राम पंचायत-46 के प्रधान पद के लिए 2016 में चुनाव लड़े थे।शिकायतकर्ता ने पंचायत निर्वाचन नियमावली-2015 की सत्यापित प्रतिलिपि प्रेषित है।इसमें सिपाही का नाम भी लिखा हुआ है।
यह भी लगाया गया है आरोप जांच में जुटे अधिकारी
वहीं अधिकारियों को दी शिकायत में यह भी बताया गया है कि सिपाही लंबे समय से अपने गृह जनपद में तैनात है। जबकि यूपी पुलिस विभाग में नियमों की माने तो भर्ती होने वाला कोर्इ भी जवान अपने गृह जनपद में तैनात नहीं रह सकता। वहीं आरोप है कि भर्ती के कांस्टेबल ने के माता-पिता मिर्जापुर में ही रहते थे। दस्तावेजों में स्थायी पता ग्राम मिर्जापुर जनपद बुलंदशहर लिखवाया था। जो अब गौतमबुद्ध नगर के दनकौर ब्लाॅक में आता है। वहीं शिकायत मिलने के बाद एसडीएम दादरी अंजनी कुमार ने मामले की जांच शुरू कर दी है।
Published on:
06 Sept 2018 04:43 pm
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