
मायावती- अखिलेश
नोएडा। कहते हैं कि राजनीति में कोई किसी का रिश्तेदार नहीं होता। यहां अपने स्वार्थ के लिए कोई कब क्या कर दे कहना मुश्किल है। वहीं हम सुनते आए हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव अक्सर अपने भाषणों व बयानों में बसपा सुप्रीमो मायवाती को ‘बुआजी’ कहकर संबोधित करते हैं।
वहीं कुछ ही दिन पहले भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर उर्फ रावण ने जेल से रिहा होने के बाद मायावती को अपनी बुआ बताया और कहा कि उनसे खून का रिश्ता है। इसी बीच अब मायवाती का इस पर बयान आया है जिसके बाद अब शायद अखिलेश भी उन्हें बुआजी कहने से पहले कई बार सोचेंगे।
दरअसल, एक प्रेसवार्ता के दौरान जब मायावती से चंद्रशेखर को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए लोग मुझसे अब रिश्ता बनाने की कोशिश कर रहे हैं। मेरा किसी के साथ भाई-बहन या बुआ-भतीजे का कोई रिश्ता नहीं है। सहारनपुर हिंसा में आरोपी चंद्रशेखर अब मुझसे रिश्ता दिखा रहा है, जबकि मेरा रिश्ता सिर्फ गरीबों से है।
ऐसे किसी भी व्यक्ति से मेरा कोई रिश्ता नहीं है, जो समाज में ऐसा काम करते हैं। समाज में कई ऐसे संगठन बनते चले आ रहे हैं जो अपना धंधा चलाते हैं। चंद्रशेखर उर्फ रावण से मेरा कोई रिश्ता नहीं है। इस दौरान उन्होंने कहा कि वह करोड़ों लोगों की लड़ाई लड़ रही हैं और रावण को अलग से संगठन बनाने की जरूरत क्यों है? वह बसपा के झंडे के नीचे आकर लड़ाई लड़ें।
गौरतलब है कि जेल से रिहाई के बाद चंद्रशेखर ने कहा था कि मायावती मेरी बुआ हैं और उन्होंने गरीब लोगों की लड़ाई लड़ी है। इसके बाद से लगातार यह चर्चाएं थीं कि भीम आर्मी का मायावती के प्रति झुकाव कहीं न कहीं गठबंधन के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ऐसे में मायावती का बयान आने के बाद सभी को चंद्रशेखर की इस पर प्रतिक्रिया का इंतजार है।
Published on:
16 Sept 2018 05:29 pm
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