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Mother’s Day special: एक ऐसी महिला जो बिना शादी किए बन गई 800 बच्चों की मां

Mothers Day Special नोएडा के सेक्टर-12 में रहती हैं समाज सेविका Anjina Rajgopal। वह 'बाल कुटीर' अनाथालय की अध्यक्ष हैं। उन्हें दर्जनों अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है।

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नोएडा। Mothers day Special. कहते हैं कि भगवान खुद हर जगह नहीं हो सकते इसलिए उन्होंने मां बनाई। आज 9 मई को मदर्स डे (mothers day 2021) के रूप में मनाया जाता है। इस दिन हम आपको एक ऐसी महिला के बारे में बताने जा रहे हैं जो बिना शादी किए भी 800 से अधिक बच्चों की मां बन गईं और सभी का जीवन संवारने में लगी हुई हैं। दरअसल, नोएडा के सेक्टर-12 में रहने वाली समाज सेविका अंजिना राजगोपाल (Anjina Rajgopal) आज एक-दो नहीं बल्कि सैकड़ों बच्चों का जीवन संवर चुके हैं और अभी अन्य के जीवन को संवारने में लगी हुई हैं। वह 'साईं बाल कुटीर' अनाथालय (Bal Kutir Noida) की अध्यक्ष हैं और वह ऐसे मासूमों का लालन पोषण करती हैं जिन्हें अपनों ने ही ठुकरा दिया। आज वह देश ही नहीं, विदेश में भी जाना माना नाम बन चुकी हैं।

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अपने पुराने दिनों को याद करते हुए अंजिना बताती हैं कि अनाथ बच्चों को देखकर उन्हें ऐसे बच्चों के जीवन को संवारने का ख्याल आया। उस दौरान वह मीडियाकर्मी के रूप में कार्यरत थीं। उन्होंने ऐसे ही बेसहारा मासूमों के लिए 1990 में बाल कुटीर नाम से एक अनाथालय की शुरुआत की और अपनी नौकरी छोड़ दी। वर्तमान में इस अनाथालय में 44 बच्चे रह रहे हैं। जिनकी पढ़ाई से लेकर रहने खाने की पूर्ण व्यवस्था घर जैसी ही की गई है। अब तक यहां रहकर 800 से अधिक बच्चे आ चुके हैं। जिनकी या तो शादी हो गई या फिर वह अपने पैरों पर खड़े हो चुके हैं। इसके अलावा उनके द्वारा नोएडा के कई क्षेत्रों में स्कूल भी खोले गए हैं। जहां ग्रामीण व गरीब बच्चों को बहुत ही कम फीस पर शिक्षा दी जाती है।

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कोरोना काल में बच्चों का ऐसे रखा जा रहा ख्याल

वह बताती हैं कि कोरोना महामारी के दौरान सभी बच्चों को ऑनलाइन क्लास मुहैया कराई जा रही है। पिछले एक वर्ष से हर रोज काढ़ा, भांप दिया जाता है। इसके अलावा उन्हें होम्योपैथिक दवाईयां दी जा रही हैं। उन्हें पौष्टिख खाना दिया जा रहा है ताकि उनकी इम्यूनिटी मजबूत बनी रहेे। बच्चों को कोविड गाइडलाइन के बारे में समझाया जाता है। इसके साथ ही हफ्ते में एक दिन महामृत्युंजे का जाप कराया जाता है ताकि जो लोग कोरोना संक्रमण से जूझ रहे हैं वह जल्दी ठीक हो सकें।

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मिल चुके हैं दर्जनों अवर्ड

वह बताती हैं कि उन्हें दर्जनों अवर्ड से सम्मानित किया जा चुका है। लेकिन आज मेरी उपलब्धि, संपत्ति और ताकत मेरे बच्चे हैं। इन सभी की उपलब्धि में ही मेरी उपलब्धि है और आज मैं जो भी हूं इन्हीं की वजह से हूं। अपने सभी बच्चों को जब मैं खुश देखती हूं तो मुझे लगता है कि मेरे पास दुनिया की सारी संपत्ति है। मुझे खुशी है कि मेरे द्वारा सैकड़ों बच्चों का जीवन संवारा गया है। बहुत सी कठनाइयां मेरे सामने आईं लेकिन इन बच्चों के चेहरे पर मुस्कान आती गई और सभी समस्याओं से सामने करते हुए मैं आगे बढ़ती गई।