यह सभी अटकलें नेताजी के उस बयान से शुरू हुईं जिसमें मुलायम सिंह यादव ने कहा कि पिछले चुनाव में जनता ने मुझे सीएम चेहरा समझ वोट दिया था पर मैंने अखिलेश को सीएम बनाया। मुझे पता है किसे कब क्या पद देना है। इसलिए इस बार कोई सीएम चेहरा नहीं होगा, चुनाव बाद यह फैसला होगा कि कौन सीएम होगा।
नेताजी के इस बयान से अखिलेश समर्थक अब फ्रंट पर आ गए हैं। अखिलेश यादव का समर्थन करने वालों का साफ कहना है कि उन्हें समाजवादी पार्टी की बिल्कुल भी जरुरत नहीं है। उन्हें अखिलेश यादव की जरुरत है। अगर वो पार्टी का निर्माण कर चुनाव लड़ते हैं तो उन्हें पूरा समर्थन मिलेगा।
जो करना है जल्दी करें अखिलेश
सोशल मीडिया पर सलीम का कहना है कि अगर अखिलेश को पार्टी बनानी है तो बिल्कुल भी देर ना करें। प्रदेश का युवा अखिलेश के लिए पूरी तरह से समर्थित है। वहीं प्रवीण यादव का कहना है कि अखिलेश सर आप पार्टी बनाओ हम आपके साथ हैं। हमें सपा की नहीं अखिलेश की जरुरत है। वहीं अहद वासू ने अखिलेश यादव को मशविरा देते हुए लिखा है कि पार्टी बनानी हैं तो जल्दी बनाए वरना चुनाव हाथ से निकल जाएगा। अशोक कुमार यादव का कहना है कि हीरा कहीं पर भी रहकर चमक सकता है।
रामगोपाल समर्थन में आए
इस बीच समाजवादी पार्टी के महासचिव अौर यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के चाचा रामगोपाल यादव अब अखिलेश यादव के पक्ष में उतर आए हैं। रामगोपाल यादव ने पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखकर कहा कि अखिलेश यादव को ही आगामी चुनाव में सीएम चेहरा बनाकर चुनाव लड़ा जाए अगर ऐसा नहीं करेंगे तो पार्टी को भारी नुकसान हो सकता है।
रामगोपाल ने यह पत्र शुक्रवार को मुलायम सिंह यादव के इस बयान के बाद लिखा जिसमें उन्होंने घोषणा कर दी कि पार्टी का कोई सीएम चेहरा नहीं होगा, सीएम का चयन चुनाव बाद होगा। वहीं इस पत्र के बाद मुलायम सिंह यादव ने रामगोपाल यादव को मिलने के लिए बुलाया है।
अखिलेश के समर्थन में यादव महासभा
इस घमासान के बाद से अब यादव समुदाय भी दूर नहीं है। समाजवादी पार्टी का यादव कट्टर वोट बैंक है। अगर अखिलेश यादव पार्टी छोड़ अलग पार्टी बनाते हैं तो यादव गुट किस तरफ जाएगा? इसके लिए अखिल भारतीय यादव महासभा कानपुर में एक बैठक करने वाली है जिसमें यह निर्णय लिया जाएगा। वहीं यादव महासभा के प्रदेश अध्यक्ष जयप्रकाश यादव ने कहना है कि सभी यादव सीएम अखिलेश यादव का ही साथ देंगे।
सोशल मीडिया पर अखिलेश छा गए
सपा में बंटवारे की बात को इसलिए भी बल मिल रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर अखिलेश समर्थक अब I AM WITH AKHILESH के साथ मुहिम चला रहे हैं। वहीं पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव इस पूरे एपिसोड में अखिलेश के साथ दिखाई दे रहे हैं। क्योंकि उन्होंने मुलायम सिंह यादव को चिट्ठी लिखकर कहा है कि अगर अखिलेश को सीएम उम्मीदवार नहीं बनाया जाता है तो पार्टी खत्म हो जाएगी। इस बीच शिवपाल यादव ने अखिलेश समर्थकों को भड़काने का भी काम किया है। उन्होंने कहा कि कुछ लोगों को राजनीति अपने दम पर मिलती है तो कुछ को विरासत में मिलती है। उनका निशाना अप्रत्यक्ष रुप से अखिलेश यादव पर ही था।
इस ट्रस्ट को ज्यादा तवज्जो
वहीं अब अखिलेश की टीम सपा से दूरी बनाते हुए, जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट को ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं। क्योंकि अब खुद अखिलेश यादव सपा के कार्यालय में बैठने के अपेक्षा अब इस ट्रस्ट के आॅफिस में ज्यादा बैठते हैं और अपनी टीम में जोश भरते हैं। वहीं सपा की पूरी कागजी कार्रवाई को संभालने वाले एसआरएस यादव भी अब इसी आॅफिस में बैठने लगे हैं। इसलिए भी इस बात की अटकलें तेज हो गई है कि अखिलेश यादव सपा के समानांतर एक नई पार्टी खड़ी करने का विचार कर रहे हैं।