
मेरठ. जिले के मुस्लिम समाज ने लोगों के लिए एक अनूठी मिसाल पेश की है। मेरठ में हाईवे—58 के चौड़ीकरण में बाधा बनी खड़ौली स्थित मस्जिद को मुस्लिम समाज के लिए लोगों ने खुद ही तोड़ते हुए एक अच्छी पहल की है। ज्ञात हो कि इससे पहले मुजफ्फरनगर में भी हाईवे के निर्माण में बाधा बनी एक मस्जिद को मुस्लिम समाज ने खुद ही हटा दिया था। इसे जनहित में एक सकारात्मक कदम के रूप में देखा जा रहा है और हर कोई इस कार्य के लिए मुस्लिम समाज की तारीफ कर रहा है।
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से मुजफ्फरनगर से लेकर मेरठ तक नेशनल हाईवे—58 के चौड़ीकरण का कार्य किया जा रहा है। लेकिन, यहां सड़क किनारे बने हुए धार्मिक स्थल प्रशासन के लिए गले की फांस बने हुए हैं। इस कारण हाईवे निर्माण का कार्य रुका हुआ है। इसको लेकर हाल ही में शासन ने जिला प्रशासन को कार्य में बाधा बने धार्मिक स्थलों को हटाने के निर्देश दिए थे, जिसके बाद प्रशासन इन्हें हटाने की प्रक्रिया शुरू की। लेकिन, प्रशासन के लिए खड़ौली मस्जिद बड़ा रोड़ा साबित हो रही थी। कई बार प्रशासन की टीम इसे तोड़ने भी गई, लेकिन लोगों के भारी विरोध के बाद उसे हर बार खाली हाथ ही लौटना पड़ा। इसके बाद प्रशासन ने बातचीत के रास्ते समस्या का हल निकालने का निर्णय लिया और मस्जिद प्रबंधन भी मुआवजा मिलने की बात पर मस्जिद हटाने के लिए राजी हो गया। मस्जिद प्रबंधन के हामी भरते ही प्रशासन ने एनएचएआई से तत्काल मुआवजे का निर्धारण कराते हुए 12 लाख 80 हजार 600 रुपये का चेक तैयार करा दिया। इसके बाद चेक मिलते ही मस्जिद प्रबंधन ने खुद पहल करते हुए मस्जिद के भवन को तोड़ दिया।
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इस मामले में जिलाधिकारी अनिल ढींगरा का कहना है कि मस्जिद को हटाने का कार्य शुरू हो गया है। जल्द इसे पूरी तरह से हटाकर हाईवे के चौड़ीकरण कार्य को तेज कर दिया जाएगा।
Published on:
08 Apr 2018 11:17 am
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