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Noida: नोएडा प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई, प्रतिभा इंडस्ट्री लिमिटेड को तीन साल के लिए किया ब्लैक लिस्ट, जानें वजह

Pratibha Industries Limited: निर्माण एजेंसी ने काम में करीब साढ़े तीन साल की देरी की है। इस पर अब तक करीब 66 लाख रुपये का जुर्माना किया जा चुका है। इसके अलावा एजेंसी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। लिहाजा निर्माणाधीन एजेंसी का ठेका निरस्त कर एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

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नोएडा

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Jyoti Singh

Jun 01, 2022

Noida: नोएडा प्राधिकरण की बड़ी कार्रवाई, प्रतिभा इंडस्ट्री लिमिटेड को तीन साल के लिए किया ब्लैक लिस्ट, जानें वजह

निर्माणाधीन प्रोजेक्ट में होने वाली देरी का दंश आम लोग ही नहीं प्राधिकरण को भी झेलना पड़ा है। नोएडा के सेक्टर 96 में बन रहे प्राधिकरण के नए प्रशासनिक भवन में करीब साढ़े 3 साल की देरी के बाद नोएडा प्राधिकरण हरकत में आया है। वित्तीय हानि और शो काज नोटिस का जवाब नहीं देने पर निर्माणाधीन एजेंसी का ठेका निरस्त कर उसे तीन साल के लिए सीईओ रितु माहेश्वरी ने ब्लैक लिस्ट कर दिया है। अब बचे हुए कार्य को पूरा करने के लिए एक बार फिर से टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर में अनुमानित लागत नहीं बढ़ाई जाएगी।

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अब तक 66 लाख रुपये का जुर्माना

प्राधिकरण के अधिकारी विपिन तोमर ने बताया कि प्राधिकरण के मुख्य प्रशासनिक भवन का निर्माण कार्य सेक्टर-96 में मैसर्स प्रतिभा इण्डस्ट्रीज लि० द्वारा अनुबन्धित धनराशि रू0 251.11 करोड़ के सापेक्ष पुनरिक्षित धनराशि रू0 231.91 करोड़ के अन्तर्गत दो टॉवर (टॉवर नं0-1, जी+3 और टॉवर नं0-2, जी+7) का निर्माण कांटैक्ट के अनुसार 2 जनवरी 2019 तक पूर्ण कराया जाना था। कार्य को पूरा करने अधिकारियों द्वारा समय-समय पर निर्माणस्थल दौरा एजेंसी को प्रगति को बढ़ाने को कहा गया। निर्माण एजेंसी ने काम में करीब साढ़े तीन साल की देरी की है। इस पर अब तक करीब 66 लाख रुपये का जुर्माना किया जा चुका है। इसके अलावा एजेंसी ने नोटिस का जवाब नहीं दिया। लिहाजा निर्माणाधीन एजेंसी का ठेका निरस्त कर एजेंसी को ब्लैक लिस्ट कर दिया गया है।

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नहीं बढ़ाया जाएगा काम का बजट

अब बचे हुए कार्य को पूरा करने के लिए एक बार फिर से टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर में अनुमानित लागत नहीं बढ़ाई जाएगी। सीईओ रितु माहेश्वरी ने उतने ही पैसे में काम कराने का निर्देश दिया है जितने अनुमानित लागत में बचे हुए हैं। इस काम का बजट नहीं बढ़ाया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह एक प्राथमिकता वाली परियोजना है और इसकी समीक्षा उच्च स्तर पर की जाती है। परियोजना के पूरा नहीं होने की वजह से प्राधिकरण का कार्यालय शिफ्ट नहीं किया जा रहा है। इसकी वजह से प्राधिकरण को जगह-जगह प्राधिकरण के कार्यालय चलाने पड़ रहे हैं और इससे प्राधिकरण को वित्तीय हानि हो रही है। लिहाजा निर्माणाधीन एजेंसी का ठेका निरस्त कर दिया गया है। इसके बाद अब नई एजेंसी इस परियोजना का काम करेगी और बचे हुए काम को पूरा कराएगी।