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World Bicycle Day: नोएडा में 40 करोड़ के साइकिल ट्रैक का हाल, कहीं अतिक्रमण तो कहीं कूड़े का ढ़ेर

अखिलेश सरकार ने बनवाए थे ट्रैक। शहर में 97 किमी बनना था ट्रैक। फिलहाल 42 किमी से अधिक ट्रैक है मौजूद।

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नोएडा। अगर आप यूपी के हाइटेक शहर कहे जाने वाले नोएडा में हैं तो सड़क से गुजरते समय आपको सड़कों के किनारे लाल रंग की अलग एक पट्टी दिखाई पड़ेगी। ये पट्टी या तो खाली दिखेगी या फिर इस पर कहीं-कहीं अतिक्रमण या पार्किंग दिख सकती है लेकिन शायद ही इस ट्रैक पर आपको कोई साइकिल से चलता हुआ नजर आए। दरअसल, यह अखिलेश सरकार के कार्यकाल में बने साइकिल ट्रैक हैं जो आज धूल फांक रहे हैं। इन पर कहीं कूड़ा/मलबा पड़ा है तो कहीं रेहड़ी पटरी वालों ने अतिक्रमण किया हुआ है। आलम यह है कि करीब 40 करोड़ खर्च कर बनाए गए इन साइकिल ट्रैकों पर साइकिल तो नहीं लेकिन आवारा पशु घूमते नजर आ जाते हैं।

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दरअसल, नोएडा में सपा सरकार के कार्यकाल में कुल 97 किलोमीटर साइकिल ट्रैक बनाने की योजना थी। जिसमें से 42 किलोमीटर से ज्यादा साइकिल ट्रैक बनाया भी जा चुका है और इस पर करीब 40 करोड़ रुपये खर्च हुए हैं। लेकिन बाद में हाइकोर्ट के स्टे के बाद काम रुक गया था और सत्ता की कमान भाजपा की योगी सरकार पर आ गई। नोएडा में एमपी-1 और सेक्टर-62 में बने साइकिल ट्रैक वाहन पार्किंग स्थलों में तब्दील हो चुके हैं। वहीं सेक्टर-127 बख्तावरपुर रोड पर बने साइकिल ट्रैक पर कूड़े और मलबा का ढ़ेर देखने को मिल जाता है। इतना ही नहीं, ट्रैक के आसपास उगी घास चरने को मवेशियों का जमघट भी लगा रहता है। उधर, सेक्टर-44 में बने साइकिल ट्रैक पर नारियल पानी व सिगरेट के खोखा लगाकर अतिक्रमण किया गया है।

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क्यों नहीं दिया जा रहा ध्यान

गौरतलब है कि पूर्व शासन काल में बने इन साइकिल ट्रैकों का निर्माण सही तरीके से नहीं हुआ है। तकनीकी पक्ष कमजोर होने के कारण इन ट्रैकों के बीच में कई जगह पेड़ व खंभे इत्यादि आ गए हैं। ऐसे में लोग इनका प्रयोग नहीं कर पा रहे हैं। वहीं लोगों का कहना है कि ट्रैक पर कई जगह कूड़े आदि के ढ़ेर लग गए हैं। जिसके चलते इन पर कीड़े-सांप का डर भी बना रहता है। जिसके चलते वह मुख्य सड़क पर साइकिल चलाना ज्यादा सुरक्षित समझते हैं।