30 हजार करोड़ से अधिक का हुआ था घोटाला दरअसल, नोएडा प्राधिकारण में जमीन आवंटन में हुए घोटालों को लेकर कैग ने आपत्ति उठाई थी जिसमें 30 हजार करोड़ से अधिक का घोटाला होने की रिपोर्ट शासन को सौंपी गई थी। कैग ने सिफारिश की थी आवंटन नीति को बदला जाना चाहिए। सिफारिक के बाद प्राधिकारण ने आवंटन नीति में बदलाव किए हैं और गुरुवार को बोर्ड की बैठक में भी मुहर लग गई। इस मामले में सीईओ ऋतु माहेश्वरी ने बताया कि ग्रुप हाउसिंग भूखंड आवंटन के लिए प्रस्तावित योजना है। इसे बिल्डर और खरीदार के अनुकूल बनाया गया है।
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ओमेक्स सोसायटी में श्रीकांत त्यागी के समर्थन में हंगामा करने वालों को बेल, पीड़ित महिला के साथ की थी बदसलूकी कंसोटियम मेंबर को अधिभोग लेने तक शत-प्रतिशत अंशधारिता बनाना अनिवार्य होगा। भूखंड आवंटन के बाद उसका उप-विभाजन और समामेलन जायज नहीं होगा। आवंटी को हर तीन महीने में बायर्स के नाम, फ्लैट संख्या, एस्क्रो अकाउंट में डाले जाने वाली राशि की रिपोर्ट प्राधिकारण को देनी होगी। बायर्स को औद्योगिक एवं संस्थागत आईटी, आईटीईएस के भूखंड को ई नीलामी से आवंटित किया जाएगा।
57,308 खरीदारों को नहीं मिला फ्लैट कैग रिपोर्ट के अनुसार, ग्रुप हाउसिंग के नाम पर नोएडा प्राधिकारण क्षेत्र में जमकर धांधली हुई है। फ्लैट बुक कराने वाले कई खरीदार जो हैं जिन्हें अब तक फ्लैट आवंटित नहीं किया गया है। 11 साल पहले घर बुक कराने वाले 57 हजार 308 फ्लैट खरीदार ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक घर नहीं मिला। रिपोर्ट के अनुसार 2005-06 से 2017-18 तक ग्रुप हाउसिंग के भूखंड नोएडा प्राधिकरण ने आवंटित किए. इनमें 28 योजनाएं लाई गई और 24 में आवंटन किए।