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DXN से विश्व भर में होगी नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की पहचान, जाने क्या है खासियत

देश के सबसे बड़े इंटरनेशनल हवाई अड्डे को विश्व स्तरीय पहचान देने के लिए तीन अक्षरों का कोड बनाया है। जिसका नाम DXN कोड होगा। इसी कोड से नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे की पहचान विश्व भर में होगी।

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Noida International Airport DXN Code

नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के लिए इंटरनेशनल एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने डीएक्सएन नाम आवंटित किया

नोएडा के अंतराष्ट्रीय एयरपोर्ट के लिए अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने तीन अक्षरों का कोड का अनवरण किया है। दिल्ली-नोएडा को DXN कोड परिभाषित करेगा। DXN दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DXB) से मिलता-जुलता कोड है। अभी तक केवल विश्व में दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट को ही तीन अक्षर का कोड है। जो कि DXB के नाम से विश्व विख्यात है। इसी के साथ नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट से 2024 में उड़ान शुरू करने की तैयारी तेजी से चल रही है। अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन (आएटा) ने नोएडा अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को अंतरराष्ट्रीय पहचान वाला तीन अक्षरों का कोड जारी किया है। यह डीएक्सएन (DXN) कोड विश्वभर में टिकट बुकिंग के लिए एयरपोर्ट की पहचान के काम आएगा। यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने डीएक्सएन कोड का अनावरण किया। मौके पर उन्होंने एयरपोर्ट पर जारी निर्माण कार्य की प्रगति रिपोर्ट पेश की।

डीएक्सएन (DXN) दुबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट (DXB) से मिलता-जुलता कोड नोएडा एयरपोर्ट को मिलने पर हर्ष जताया है।
स्विटजरलैंड की ज्यूरिख इंटरनेशनल एयरपोर्ट एजी कंपनी यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड बनाकर नोएडा हवाईअड्डे का निर्माण करा रही है। 2024 तक इसे तैयार किया जाना है। सीओओ किरण जैन ने बताया कि टाटा प्रोजेक्ट्स को ईपीसी कंस्ट्रक्शन कांट्रैक्ट दिए एक साल से अधिक समय हो गया है। वर्तमान में पैसेंजर टर्मिनल की छत का काम जारी है। एटीसी टॉवर अब 30 मीटर से अधिक की ऊंचाई तक खड़ा हो गया है। 3900 मीटर लंबे रनवे के साथ सबग्रेड कार्य प्रगति पर है। करीब 7000 कर्मचारी साइट पर पूरी तरह से काम पर जुटे हुए हैं। कुछ माह में साइट पर पैसेंजर टर्मिनल, एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर, ऑफिस ब्लॉक, सीवेज और वाटर ट्रीटमेंट प्लांट, इलेक्ट्रिक सबस्टेशन सहित करीब 20 से अधिक इमारतें बन जाएंगी।

उन्होंने बताया कि कंपनी की तरफ से आएटा को तीन विकल्प दिए गए थे। इनमें से इंटरनेशनल एयरपोर्ट ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने डीएक्सएन नाम आवंटित किया है। डी से दिल्ली, एक्स से कनेक्टिविटी और एन से नोएडा प्रतिबिंबित करता है। सीईओ क्रिस्टोफ श्नेलमैन ने कहा कि भारत का दिल्ली-एनसीआर रीजन विश्व के सबसे बड़े शहरी जोन में एक है। ऐसे में यह हवाई अड्डे देश के लिए मील का पत्थर साबित होगा।

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कोड की क्या है उपयोगिता
आईएटीए कोड प्रत्येक एयरपोर्ट के लिए यूनीक आईडी देता है। यह विश्वभर के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे को विशेष पहचान है। कोड न केवल यात्रियों के यात्रा वीजा और पासपोर्ट पर दर्ज होते हैं। बल्कि प्रतिदिन के विभिन्न संवाद में काम आता है। फ्लाइट शेड्यूल, टिकटिंग, एयरपोर्ट से दूसरे एयरपोर्ट तक बैगेज हैंडलिंग से लेकर ऑपरेशन और लॉजिस्टिक को सुव्यवस्थित करने में आईएटीए कोड का ही उपयोग होता है।