
नोएडा। आज के व्यस्त समय में अक्सर लोग अपने स्वास्थ पर ज्यादा ध्यान नहीं देते। वहीं टीबी एक ऐसी बिमारी है जिसका समय रहते इलाज नहीं कराया गया तो वह जानलेवा साबित हो सकती है। इसी क्रम में स्वास्थ्य विभाग जिले में टीबी रोग को जड़ से खत्म करने के लिए अभियान शुरू करने जा रहा है। इस अभियान के तहत विभाग द्वारा जिले में टीबी रोगियों की खोज की जाएगी। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग ने अपनी तैयारियां तेज कर ली हैं और इस अभियान के जरिए 24 फरवरी से स्वास्थ्य विभाग जिले में टीबी रोगियों को सही इलाज मुहैया कराने के लिए उनकी खोज करेगा। इस बार स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि जिले की सभी समाजिक संगठन अभियान में शामिल हो। इसके चलते विभाग सभी स्वास्थ्य संगठनों से बातचीत करने के साथ ही आवश्यक निर्देश भी दे रहा है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने शनिवार को भी कई सामाजिक संगठनों के साथ बैठक की। इस बैठक के दौरान विभाग के अधिकारियों ने संगठनों से अभियान में शामिल होने की मांग के साथ ही टीबी के मरीजों की आसानी से पहचान की भी जानकारी दी। जिला क्षय रोग अधिकारी शिरीष जैन ने बताया कि बैठक के दौरान सभी संगठनों को टीबी के मरीजों की जानकारी के साथ ही दवाइयों की भी जानकारी दी गई है। वहीं संगठनों से मांग की गई है की वह सभी लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करें। जिससे विभाग टीबी के खिलाफ चल रही जंग को आसानी से जीत सके। उन्होंने बताया कि मरीज पर नजर बनाकर यदि लक्षणों पर ध्यान दें तो समय पर टीबी का इलाज किया जा सकता है।
टीबी के सामान्य लक्षण
1. दो हफ्ते से ज्यादा लगातार खांसी, खांसी के साथ बलगम आ रहा हो, कभी-कभार खून भी आना।
2. ब्रॉन्काइटिस में सांस लेने में दिक्कत होती है और सांस लेते हुए सीटी जैसी आवाज आती है।
3. कैंसर में मुंह से खून आना।
4. वजन कम होना जैसी दिक्कतें हो सकती है लेकिन आमतौर पर बुखार नहीं आता।
5. टीबी में सांस की दिक्कत नहीं होती और बुखार आता है।
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टीबी से बचाव के उपाए
1. अपनी इम्युनिटी को बढ़िया रखें। न्यूट्रिशन से भरपूर खासकर प्रोटीन डाइट(सोयाबीन, दालें, मछली, अंडा, पनीर आदि) लेना चाहिए। कमजोर इम्युनिटी से टीबी के बैक्टीरिया के एक्टिव होने की पूरी संभावना होती है।
2. ज्यादा भीड़-भाड़ वाली जगहों पर जाने से बचें। कम रोशनी वाली और गंदी जगहों पर न रहें और वहां जाने से परहेज करें।
3. टीबी के मरीज से थोड़ा दूर रहें। कम-से-कम एक मीटर की दूरी बनाकर रखें।
4. मरीज को हवादार और अच्छी रोशनी वाले कमरे में रहना चाहिए। कमरे में हवा आने दें। पंखा चलाकर खिड़कियां खोल दें ताकि बैक्टीरिया बाहर निकल सके।
5. मरीज स्प्लिट एसी से परहेज करे क्योंकि तब बैक्टीरिया अंदर ही घूमता रहेगा और दूसरों को बीमार करेगा।
6. मरीज को मास्क पहनकर रखना चाहिए। मास्क नहीं है तो हर बार खांसने या छींकने से पहले मुंह को नैपकिन से कवर कर लेना चाहिए। इस नैपकिन को कवरवाले डस्टबिन में डालें।
7. ध्यान रखना चाहिए कि मरीज यहां-वहां थूके नहीं। मरीज किसी एक प्लास्टिक बैग में थूके और उसमें फिनाइल डालकर अच्छी तरह बंद कर डस्टबिन में डाल दें।
8. मरीज ऑफिस, स्कूल, मॉल जैसी भीड़ भरी जगहों पर जाने से परहेज करे। साथ ही पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी यूज करने से बचे।
Updated on:
18 Feb 2018 02:20 pm
Published on:
18 Feb 2018 02:18 pm
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