
राहुल चौहान, नोएडा। बिजली के मीटर की तरह शहर के लोगों के यहां अब पानी के मीटर भी लगाए जाएंगे। इसके चलते अब लोगों को मीटर के हिसाब से ही पानी का बिल जमा करना होगा। मीटर लगने पर प्रति यूनिट बिल तय करने के लिए 2013 के बाद से अब पहली बार पानी के रेट को रिवाइज किया जाएगा। इसके चलते अब शहर में जल्द ही पानी महंगा होना तय है। पहले चरण में एक हजार वर्गमीटर व इससे बड़े भूखंड पर मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद गांव और सेक्टर में मौजूद एक-एक मकान में मीटर लगाए जाएंगे। इसमें यहां किराए पर रहने वाले लोग भी शामिल होंगे। वहीं, शहर में पहली बार लोगों को सीवर प्रयोग के लिए भी पैसे खर्च करने होंगे। इसके लिए प्राधिरकण चार्ज का नया स्लैब तैयार कर रहा है, जिसे पानी के नए चार्ज के साथ लागू कर दिया जाएगा।
शहर में की जा रही गंगाजल की सप्लाई
नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ आरके मिश्रा के मुताबिक, शहर में गंगाजल की सप्लाई की जा रही है। इसके लिए बाहर से पानी खरीदा जा रहा है। यह पानी सप्लाई के साथ ही आवंटियों को दिया जा रहा है। इसमें सालाना करीब 100 करोड़ रुपए का खर्च है। ऐसे में पानी की बर्बादी को रोकने के लिए मीटर लगाए जाएंगे। मीटर में जितनी रीडिंग होगी, उतना बिल प्रति माह आवंटियों को जमा करना होगा। इनकी दरें 2013 के बाद से रिवाइज नहीं की गई है। अब इनको रिवाइज किया जाएगा। जाहिर है कि पहले के मुकाबले यह दर ज्यादा होगी। इसके अलावा सीवर प्रयोग को लेकर भी नई निति तैयार की जा रही है। सीवर इस्तेमाल करना है तो अब चार्ज देना होगा। इसके लिए भी दर बनाई जा रही हैं। इसको लेकर एक बैठक प्राधिकरण में जल्द होगी, जिसमे पानी की रिवाइज व सीवर की दरों पर अंतिम फैसला लिया जाएगा।
स्लैब के हिसाब से होगा पानी का बिल
प्राधिकरण अधिकारी के मुताबिक, मीटर लगने के बाद शहर में स्लैब के अनुसार पानी का बिल जारी किया जाएगा। यह स्लैब उच्च, मध्यम व निम्म श्रेणी में बांटा जाएगा। इसके लिए प्लानिंग की जा रही है। निम्म या गरीब तबके के लोगों को प्राधिकरण द्वारा रियायत दी जाएगी। उन्होंने बताया कि शहर में मौजूदा पानी के दाम दिल्ली के रेट से कम हैं। इसके साथ ही दिल्ली में वर्तमान में सीवर इस्तेमाल पर पानी के दाम का 60 फिसदी चार्ज लिया जाता है। नोएडा में पानी के दाम में बढ़ोतरी होने के बाद भी दिल्ली के मुकाबले यह सस्ता होगा।
अन्य काम के लिए शोधित पानी का होगा प्रयोग
भविष्य में पानी की किल्लत होना तय है। नोएडा प्राधिकरण आगामी 50 साल की आबादी के अनुसार कार्य कर रहा है। एसीईओ आरके मिश्रा ने बताया कि कार धोने, बिल्डिंग निर्माण और अन्य कार्यों के लिए एसटीपी के शोधित पानी की सप्लाई शुरू की जाएगी, ताकि मीठे जल की बर्बादी को रोका जा सके। हालांकि, शहर में बिल्डिंग निर्माण के लिए बिल्डर एसटीपी के पानी का ही प्रयोग कर रहे हैं, लेकिन अब इस पानी को सप्लाई में तब्दील करने पर विचार किया जा रहा है।
किरायेदारों के यहां भी लगेंगे मीटर
शहर की आबादी का एक बड़ा हिस्सा किरायेदारों का है। ऐसे में सेक्टर व गांवों के आवंटियों के साथ ही शहर के किरायेदारों के यहां भी पानी के मीटर लगाए जाएंगे। पहले चरण में एक हजार वर्गमीटर या इससे बड़े भूखंड, बिल्डिंग व सोसायटी में मीटर लगाए जाएंगे। इसके बाद सभी घरों व किरायेदारों के यहां मीटर लगाने का काम किया जाएगा। मीटर रीडिंग के अनुसार, बिल जमा करना होगा। इससे न केवल शहर में पानी की बबार्दी पर रोक लगेगी बल्कि प्राधिकरण के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी।
फिलहाल ये हैं पानी के मौजूदा रेट
भवनों का विवरण दरें (रुपये प्रति माह)
श्रमिक कुंज- 35
निर्बल आय वर्ग- 40
निम्न आय वर्ग- 50
एमआईजी- 175
एचआईजी- 210
डुप्लेक्स- 260
Published on:
20 Jan 2018 11:50 am
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