Highlights: -जिला प्रशासन लोगों को राशन मुहैया करा रहा है -इसके लिए लंबी-लंबी कतारें लग रही हैं -आरोप है कि इसके बाद भी लोगों को राशन नहीं मिल रहा है
नोएडा। उत्तर प्रदेश की हाईटेक सिटी होने का तगमा भले ही नोएडा को मिला हो। लेकिन इसकी दशा प्रदेश के अन्य शहरों से कुछ अलग नहीं है। लॉकडाउन चलते श्रमिकों का पलायन रोकने के लिए जिला प्रशासन प्रयास कर रहा है और लोगों को राशन मुहैया कराया जा रहा है। लेकिन, इसके लिए लंबी-लंबी कतारें देखी जा सकती हैं। लोग सुबह से ही आकर इन कतारों में खड़े हो जाते हैं और देर शाम तक अपनी बारी का इंतजार करते हैं। कई लोगों को तो खाली हाथ ही लौटना पड़ता है। अगले दिन फिर वही जिंदगी की वही जद्दोजहद, 5 किलो चावल और 1 किलो चने के लिए संघर्ष करना पड़ता है। पेश है ग्राउंड जीरो से स्पेशल रिपोर्ट-
कमला रानी नोएडा के सेक्टर 19 स्थित राशन की दुकान पर मिली, यहां उन्हें राशन मिल गया है। वह बताती है कि सुबह छह बजे से लाइन में खड़ी थी और दोपहर तीन बजे करीब उन्हें राशन मिला। इसमें उन्हें 5 किलो चावल और 1 किलो चना मिला है। इसी से गुजारा करना होगा। कमला एक फैक्ट्री में काम करती थी और उसके पति रिक्शा चलाते थे। लेकिन लॉकडाउन के चलते दोनों का काम बंद है हो गया है। अब इसी राशन के सहारे 5 बच्चों का परिवार जी रहा है।
सेक्टर 19 के मुख्य मार्ग पर लगी लंबी कतार सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करती नजर आई। गोल बनाए घेरे में अपना थैला रख कर लोग तपती धूप से बचने के लिए साए में खड़े दिखे। जब एक थैला सरकता तो एक-एक कर सभी थैले सरकने लगते हैं। लेकिन यह सोशल डिस्टेंसिंग राशन की दुकान पर पहुंचते-पहुंचते गायब हो जाती है। लोगों का आरोप है राशन वाले अन्य लोगों को अलग से बुलाकर अलग से राशन दे रहे हैं और फिर एक लोगों का कोलाहल होता है। जिस पर जल्दी ही लोग हथियार डाल देते हैं।
राशन की यह कतार सेक्टर 19 से शुरू होकर रजनीगंधा चौक तक जाती दिखाई देती है। सबको अपनी बारी का इंतजार है। लेकिन यह निश्चित है, सुबह छह बजे से लाइन में लगने के बाद दी। आरोप है कि इतने कठिन संघर्ष के बाद भी कई लोगों को राशन नहीं मिल पाता है और अगले दिन फिर वही जद्दोजहद उन्हें करनी पड़ती है। सुबह छह बजे उठकर फिर इस आस के साथ कतार में लगना पड़ता है कि शायद अब उन्हें राशन मिल जाए।