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इन दो महिलाओं के सहारे अपनी नैया पार लगाने की फिराक में हैं पीएम मोदी और अमित शाह

भाजपा की साख लगी है दांव पर

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पत्रिका @राहुल चौहान
नोएडा।उत्तर प्रदेश की कैराना लोकसभा सीट और नूरपुर विधानसभा सीट के लिए चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद राजनीतिक सरगर्मियां पूरे उफान पर हैं। भाजपा जहां इन दोंनों सीटों पर अपना कब्जा बरकरार रखने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती वहीं सपा और लोकदल भी इन सीटों के उपचुनाव को लेकर उत्साहित है। दरअसल ये दोनों सीटें भाजपा सांसद हुकुम सिंह और विधायक लोकेंद्र चौहान का निधन होने से खाली हुई हैं।

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हुकुम सिंह जहां कैराना लोकसभा सीट से 2014 में मोदी लहर में पहली बार सांसद बने थे तो वहीं लोकेंद्र चौहान 2017 के विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार विधायक चुने गए थे। अब दोनों के निधन के बाद खाली हुई सीटों पर उनके परिजन ही चुनाव लड़ने की दावेदारी कर रहे हैं। कैराना सीट से जहां दिवंगत सांसद की बेटी मृगांका सिंह ही ताल ठोकने की तैयारी में हैं तो वहीं नूरपुर विधानसभा सीट से दिवंगत विधायक की पत्नी अवनी सिहं के चुनाव लड़ने की चर्चा है। सूत्रों के मुताबिक भाजपा आलाकमान इन दोनों ही महिला प्रत्याशियों पर दांव खेलने की तैयारी में है। महर्षि कश्यप जयंती के कार्यक्रम में शामली और बिजनौर जनपद में पहुंचे उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या इशारों-इशारों में ही इस बात का संकेत दे चुके हैं।

मृगांका सिंह
मृगांका सिंह दिवंगत भाजपा सांसद हुकुम सिंह की बेटी हैं। 2017 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने कैरान विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। उनकी इस हार का कारण उनके ही परिवार से ताल्लुक रखने वाले अनिल चौहान द्वारा रालोद के टिकट पर चुनाव मैदान में कूदना माना जाता है। इस बार भाजपा एक बार फिर मृगांका सिंह को मौका देने की तैयारी कर ली है। शायद भाजपा नेता भी यह मानकर चल रहे हैं कि मृगांका के सहारे सहानुभूति मिलने से वे अपनी सीट बचा सकते हैं। दरअसल हुकुम सिंह के निधन के बाद उनके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए खुद सीएम योगी भी पहुंचे थे। उन्होंने हुकुम सिंह को अपना खास बताया था।

अवनी सिंह
भाजपा के दिवंगत कद्दावर विधायक रहे लोकेंद्र चौहान की पत्नी हैं। वैसे तो वे घरेलू महिला हैं लेकिन अगर पार्टी ने उन्हें प्रत्य़ाशी बनाया तो उनका चुनाव मैदान में कूदना तय है। इस सीट पर उन्हें प्रत्य़ाशी बनाने से भाजपा को लोकेंद्र चौहान की असमय हुई मौत से सहानुभूति मिलने की पूरी उम्मीद है। आपको बता दें लोकेंद्र चौहान के निधन के तीसरे ही दिन सीएम योगी उनके घर पहुंचे थे। उसके बाद गृहमंत्री राजनाथ सिंह के अलावा प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा और केशव प्रसाद मौर्या ने भी उनके परिजनों से घर जाकर मुलाकात की थी। लोकेंद्र चौहान भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के भी खास थे।