आवारा कुत्तों की अस्पताल में एंट्री बैन करने पर पीएम मोदी की इस मंत्री से सीएमएस को मिली धमकियां
कुत्तों की एंट्री बैन को बताया क्रूरता

नोएडा. उत्तर प्रदेश के सीतापुर में आदमखोर कुत्तों के हमले में मारे गये बच्चों की मौत के बाद मुख्यमंत्री ने प्रशासनिक अधिकारियों के साथ बैठक कर लोगों को इस मामले में जागरूक करने के निर्देश दिये थे। लेकिन सीएम के इस निर्देश का पालन करना गौतमबुद्धनगर के अफसरों पर भारी पड़ रहा है। दरअसल, सीएम ने अपने आदेश में कहा था कि खूंखार कुत्ते पर रोक थाम लगाया जाए। इसके बाद जिला प्रशासन एक्शन में आया। प्रशासन ने आवारा कुत्तों के जिला अस्पताल में एंट्री पर बैन लगा दी है। लेकिन एक केंद्रीय मंत्री के एनजीओ ने इसे जानवरों के साथ क्रूरता का मामला मानते हुए मुख्य चिकित्सा अधीक्षक को फोन कर धमकाना शुरू कर दिया, लेकिन सीएमएस ने बिना किसी दबाव में आए जवाब दिया कि मरीजों के बीच कुत्तों को नहीं रखा जा सकता।
यह भी पजढ़ेंः कुत्ता काटने से घायल शख्स को जब अस्पताल में भी दिखा कुत्तों का झुंड तो हुआ...
जिला अस्पताल के परिसर इमरजेंसी के बाहर सो रहे इन कुत्तो की एंट्री जिला अस्पताल में बैन कर दी है, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश पर एक्शन में आए जिला प्रशासन का ये कदम एक केंद्रीय मंत्री के एनजीओ को नागवारा गुजरा। सीएमएस से फोन कर धमकी भरे लहजे में पूछा गया कि क्यों अस्पताल के परिसर से आवारा कुत्तों को बाहर निकाला गया है. उन्हें अंदर किया जाए। सीएमएस का कहना है की आवारा कुत्तों के झुंड से मरीज परेशान रहते हैं। यहां प्रतिदिन 250-300 मरीज कुत्तों द्वारा काटने के पहुंचते हैं। कई बार कुत्ते स्ट्रेचर पर बैठ जाते हैं। इमरजेंसी में आए खून बहते हुए मरीजों के पीछे आने लगते हैं। उनके टपके हुए खून को चाटते हुए दिखते हैं। इससे वहां के स्टाफ और लोगों में दहशत बनी रहती है। अस्पताल प्रशासन को डर बना रहता है कि कहीं कोई कुत्ता किसी मरीज को काट न ले। शहर में आवारा कुत्तों का आतंक है। करीब 270 मरीज कुत्तों के काटने के आए थे। इसी को ध्यान में रखकर अस्पताल प्रशासन ने आवारा कुत्तों को बाहर निकालने का फैसला लिया।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अजेय अग्रवाल ने बताया कि कुत्तों को बाहर निकालने की कार्रवाई हो रही थी। उसी दौरान केंद्रीय मंत्री के एनजीओ का फोन सीएमएस के पास आ गया, जिसमें कहा गया कि कुत्तों को बाहर न निकालें। सीएमएस ने जवाब दिया कि कुत्तों से मरीजों तो खतरा है। अस्पताल किसी भी प्रकार से जोखिम नहीं उठा सकता।
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अजेय अग्रवाल ने बताया कि कुत्तों को बाहर निकालने की कार्रवाई हो रही थी। उसी दौरान केंद्रीय मंत्री के एनजीओ का फोन सीएमएस के पास आ गया, जिसमें कहा गया कि कुत्तों को बाहर न निकालें। सीएमएस ने जवाब दिया कि कुत्तों से मरीजों तो खतरा है। अस्पताल किसी भी प्रकार से जोखिम नहीं उठा सकता।
अब पाइए अपने शहर ( Noida News in Hindi) सबसे पहले पत्रिका वेबसाइट पर | Hindi News अपने मोबाइल पर पढ़ने के लिए डाउनलोड करें Patrika Hindi News App, Hindi Samachar की ताज़ा खबरें हिदी में अपडेट पाने के लिए लाइक करें Patrika फेसबुक पेज