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मायावती और मुलायम की सरकार में हुआ था ये घोटाला, योगी सरकार करने जा रही अब ये बड़ी कार्रवाई

1 आईएएस सहित 11 पीसीएस और 48 इंजीनियरों पर होगी कार्रवाई

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मायावती और मुलायम की सरकार में हुआ था ये घोटाला, योगी सरकार करने जा रही अब ये बड़ी कार्रवाई

गाजियाबाद। आठ साल से चल रही स्वर्णजयंतीपुरम भूखंड आवंटन घोटाले की जांच अपने अंतिम पड़ाव पर पहुंच चुकी है। अब आरोपियों के खिलाफ शासन स्तर से कार्रवाई की जाएगी। उस दौरान इस जोन में कार्य करने वाले प्रवर्तन प्रभारियों, असिस्टेंट इंजीनियर और जूनियर इंजीनियर की सूची तैयार हो गई है। फाइल पर जीडीए वीसी के साइन होने के बाद शासन को भेजा जाएगा। शनिवार तक सूची भेजी जाएगी। इस सूची में वर्तमान में एक आईएएस सहित 11 पीसीएस (कुछ सेवानिवृत) और 48 इंजीनियर(कुछ सेवानिवृत) भी शामिल हैं।

प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस योजना में 17 प्रवर्तन प्रभारियों ने काम किया था। जिनमें सचिव देवी शंकर शर्मा, आरसी मिश्रा, सुभाष चंद्र उत्तम, संयुक्त सचिव ओपी भारती, राजकुमार सचान, लालचंद मौर्य, बाबू सिंह, प्रमोद कुमार, ओएसडी आर.पी. पांडेय (आईएएस), बृजराज सिंह यादव, दयानंद प्रसाद एवं अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा शामिल हैं। इसके अलावा कार्यकारी अभियंता डी.के. त्यागी, आर.पी. सिंह, वी.के. जैन, सहायक अभियंता धीरज सिंह और निरंकार सिंह के अलावा करीब 28 जूनियर इंजीनियर और 20 असिस्टेंट इंजीनियरों ने भी प्रवर्तन का काम देखा था।

मामले की जांच मुरादाबाद मंडलायुक्त राजेश कुमार सिंह ने की। जिसके बाद पता चला कि यहां पर बड़े स्तर पर अवैध निर्माण के जरिए घोटाला किया गया। बिना नक्शा पास कराए ही यहां पर भवनों का निर्माण कराया गया। साथ ही नक्शे के विपरीत भी भवनों का निर्माण किया गया। इसलिए उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट में कहा कि वर्ष 2005 से लेकर 2017 तक इस योजना को देखने वाले प्रवर्तन प्रभारी और इंजीनियर इसके लिए दोषी हैं।

जीडीए वीसी रितु माहेश्वरी का कहना है कि शासन ने स्वर्णजयंतीपुरम भूखंड आवंटन मामले को लेकर प्रवर्तन जोन-3 देखने वाले 2005 से 2017 के बीच कार्यरत प्रवर्तन प्रभारियों और इंजीनियरों की सूची मांगी थी। जिसे तैयार कर लिया गया है और जल्द ही इसे शासन को भेजा जाएगा। आपको बता दें कि इस योजना में बड़े स्तर पर भूखंड के दोबारा आवंटन में बड़ा खेल हुआ। जिसके बाद पार्षद राजेंद्र त्यागी ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की। कोर्ट के निर्देश पर इस मामले की जांच में कई अधिकारियों का नाम सामने आया। इनके नामों की सूची शासन को जा चुकी है।

साथ ही अज्ञात के नाम सिहानी गेट थाने में एफआईआर भी दर्ज कराई जा चुकी है। अब अवैध निर्माण कराने वाले अधिकारी और इंजीनियरों की सूची भेजी जा रही है। इससे पहले एक जांच में संदेह के आधार पर बचे आईएएस आर.पी.पांडेय और आर.सी.मिश्रा भी अब दूसरी जांच में फंसते नजर आ रहे हैं। प्रवर्तन प्रभारी की सूची में इनका भी नाम शामिल है। जीडीए के एक अधिकारी ने बताया कि चार साल पहले रिटायर्ड होने वाले अधिकारी पर विभागीय कार्रवाई नहीं होगी। पुलिस कार्रवाई होगी। जिन्हें रिटायर्ड हुए अभी चार साल नहीं हुए हैं उनके खिलाफ पुलिस की कार्रवाई के साथ ही साथ विभागीय कार्रवाई भी होगी।