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इस शनि जयंती पर वर्षाें बाद पड़ रहा सर्वार्थसिद्धि योग, ऐसे करें पूजा तो बच सकते हैं प्रकोप से

ज्येष्ठ मास की अमावस्या को मनाई जाती है शनि जयंती, इस बार 15 मई को पड़ेगी

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shani jayanti

नोएडा। जिन लोगों पर शनि की कुदृष्टि चल रही है या जो शनि के प्रकोप से बचना चाहते हैं, उनके लिए 15 मई का दिन बेहद लाभकारी साबित हो सकता है क्योंकि उस दिन शनि जयंती है मतलब शनि महाराज का जन्मोत्सव। गाजियाबाद के गोविंदपुरम निवासी पंडित शिवा गौड़ के मुताबिक ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस बार यह 15 मई को है। उस दिन मंगलवार पड़ने के कारण इसका विशेष महत्व है। कई वर्षाें बाद सर्वार्थसिद्धि योग बन रहा है, जिस वजह से इसकी महत्ता और बढ़ गई है। इस दिन शनि देव की पूजा से विशेष फल मिलता है। उनका कहना है कि जिन पर शनि की साढ़े साती, ढैया, महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यांतर्दशा का प्रभाव है, उस दिन उन्हें शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए उपाय करना चाहिए। 15 मई को सुबह 10.57 से सर्वार्थसिद्धि योग की शुरुआत होगी, जिसका प्रभाव पूरे दिन रहेगा।

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शनि देव के जन्म की कथा

शास्त्रों के अनुसार, न्याय के देवता कहे जाने वाले शनि देव को प्रसन्न करने के लिए कई मंत्रों का जाप किया जाता है। शनि देव के जन्म की कई कथाएं प्रचलित हैं पर एक काफी मान्य है। पौरणिक कथा के अनुसार, शनि, सूर्य देव के पुत्र हैं। बताया जाता है कि सूर्य देव का विवाह संज्ञा से हुआ था, जिससे उन्हें मनु, यम और यमुना संतानें हुईं। इसके बाद जब संज्ञा सूर्य देव का तेज सहन नहीीं कर पाईं तो वह अपनी छाया को पति की सेवा में छोड़कर चली गईं। कुछ समय बाद सूर्य देव और छाया की संतान हुई, जिसका नाम शनि पड़ा।

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ऐसे करें शिन देव का प्रसन्न

पंडित शिवा गौड़ के अनुसार, शनि जयंती पर की जाने वाली पूजा और दान शनि देव के प्रकोप से बचाता है। इस दिन भक्त को सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर नवग्रहों को नमस्कार करना चाहिए। इस दिन भक्त शनि देव की लोहे की मूर्ति को स्थापित करें। इसके बाद मूर्ति को सरसों या तिल के तेल से स्नान कराएं। फिर षोड्शोपचार पूजन करें। इसके साथ ही शनि मंत्र ॐ शनिश्चराय नम: का जाप करें।

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दिन भर रहें निराहार

इस दिन शनि देव की कृपा पाने के लिए दिन भर निराहार रहें। हालांकि, ध्यान रखें कि बुजुर्ग, मरीज व गर्भवती महिलाएं व्रत रखने की कोशिश न करें। पंडित शिव गौड़ ने बताया कि व्रत रखने के साथ ही शनि मंत्र का जाप भी करते रहें। शनि देव की कृपा पाने के लिए तिल, उड़द, कालीमिर्च, मूंगफली का तेल, आचार, लौंग, तेजपत्ता तथा काले नमक का उपयोग करना चाहिए। इतना ही नहीं उस दिन काले कपड़े, जामुन, काली उड़द, काले जूते, तिल, लोहा, तेल आदि वस्तुएं दान करने से शनि देव के प्रकोप से बचा जा सकता है। भिक्षुओं को भोजन कराने से भी शनिदेव प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा उस दिन हनुमान जी की भी पूजा करनी चाहिए।

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