
Supertech Twin Towers: उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्धनगर जिले के नोएडा के सेक्टर-93 ए में स्थित सुपरटेक एमरल्ड कोर्ट हाउसिंग सोसाइटी के दोनों अवैध टावर को ध्वस्त करने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने 30 नवंबर तक का समय दिया था। लेकिन डेडलाइन बीत जाने के बाद भी ट्वीन टावर नहीं टूटे हैं। हालांकि इसे लेकर बिल्डर और प्राधिकरण दोनों ही एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। कई दौर की बैठकों के बाद भी टि्वन टावर नहीं टूट पाया।
प्राधिकरण ने बिल्डर को बताया जिम्मेदार
नोएडा प्राधिकरण का कहना है कि ट्वीन टावर कैसे तोड़े जाएंगे इसे लेकर बिल्डर ने कोई प्रस्ताव बनाकर पेश नहीं किया है। वहीं बिल्डर का आरोप है कि उसने इस संबंध में तीन कंपनियों और एक कंसलटेंट का नाम प्राधिकरण को सौंप दिया है। कई मीटिंग भी हो चुकी हैं। वहीं दूसरी ओर एमराल्ड कोर्ट आरडब्ल्यूए ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी शुरू कर दी है।
प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में भेजी अनुपालन रिपोर्ट
नोएडा प्राधिकरण ने सुप्रीम कोर्ट में अनुपालन रिपोर्ट भेज दिया है। रिपोर्ट में नोएडा प्रधिकरण की ओर से टि्वन टावर तोड़े जाने के आदेश का पालन कराने के लिए की गई कोशिशों की भी जानकारी दी गई है। प्राधिकरण के अधिकारियों का कहना है कि सीबीआरआई से संपर्क कर टीम बुलाई गई। कई बैठकें प्राधिकरण ने करवाईं। बिल्डर से पत्राचार किया गया। बिल्डर को एजेंसियों से टावर तोड़ने की कार्ययोजना प्रस्तुत करने के लिए कहा गया। लेकिन, बिल्डर कार्ययोजना ही नहीं दे पाया। बिल्डर हर बार समय ही मांगता रहा। इस प्रकार प्राधिकरण की सभी कोशिशों के बाद भी टि्वन टावर नहीं टूट पाया।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया था टावर को गिराने का आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद सुपरटेक एमराल्ड कोर्ट ट्विन टावर को गिराने का आदेश दिया था। ये दोनों ही टावर 40-40 मंजिला के हैं। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि ये टावर नोएडा विकास प्राधिकरण और सुपरटेक बिल्डर की मिलीभगत से बने थे।
Published on:
30 Nov 2021 04:49 pm
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