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आरुषि-हेमराज मर्डर केस में बढ़ सकती हैं दलवार दंपत्ति की मुश्किलें, अब सुप्रीम कोर्ट हुआ सहमत

नोएडा की चर्चित मर्डर मिस्ट्री से आजतक नहीं उठ सका पर्दा।

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नोएडा। देश की सबसे चर्चित मर्डर मिस्ट्री आरुषि-हेमराज केस में फिर से सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई है जो मंजूर कर ली गई है। दरअसल शुक्रवार को 2008 के आरूषि-हेमराज हत्याकांड में राजेश और नूपुर तलवार को बरी करने के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील पर सुनवाई के लिए सहमत हो गया। न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति नवीन सिन्हा और न्यायमूर्ति केएम जोसेफ की पीठ ने कहा कि सीबीआई की अपील पर हेमराज की पत्नी द्वारा दायर अपील के साथ ही सुनवाई की जाएगी। पीठ ने जांच ब्यूरो की अपील विचारार्थ स्वीकार कर ली। इन दोनों अपील में तलवार दंपत्ति को बरी करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के 12 अक्तूबर, 2017 के निर्णय को चुनौती दी गई है।

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सीबीआई की ओर से अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल मनिंदर सिंह ने इस मामले में पहले से ही लंबित हेमराज की पत्नी की अपील का हवाला दिया। इस पर पीठ ने कहा कि सीबीआई की अपील उसके साथ ही संलग्न की जाएगी। दंत चिकित्सक दंपति राजेश और नूपुर तलवार की 14 वर्षीय बेटी आरूषि मई, 2008 को अपने नोएडा स्थित घर में मृत मिली थी। आरूषि की गर्दन किसी धारदार हथियार से काटी गयी थी। इस मामले की जांच के दौरान शुरू में संदेह घरेलू सेवक हेमराज पर गया क्योंकि वह लापता था। परंतु दो दिन बाद घर की छत से उसका भी शव बरामद हो गया था।

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इस दोहरे हत्याकांड में गाजियाबाद स्थित सीबीआई की अदालत ने 26 नवंबर, 2013 को तलवार दंपति को उम्र कैद की सजा सुनाई थी। तलवार दंपति ने अदालत के इस निर्णय को इलाहाबाद उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। उच्च न्यायालय ने तलवार दंपति को बरी करते हुए कहा था कि मौजूदा साक्ष्यों के आधार पर उन्हें दोषी नहीं ठहराया जा सकता।