
ज्येष्ठ पूर्णिमा आज, इस तरह पूजा करने से मिलती है सुख, समृद्धि और सौभाग्य,रात्रि 7: 49बजे तक है शुभ मुहूर्त
नोएडा। वट वृक्ष यानी बरगद के पेड़ का ग्रंथों और पुराणों में विशेष महत्व है, जिसका पूजा में भी महत्वपूर्ण स्थान है। आज हिंदी महीने की ज्येष्ठ की पूर्णिमा है। जिस तरह से ज्येष्ठ अमावस्या के दिन वट सावित्री व्रत किया जाता है वैसे ही दक्षिण भारत में महिलाएं वट सावित्री व्रत कर रही हैं। महिलाएं भगवान शंकर और भगवान विष्णु की पूजा करती हैं और अखंड सुहाग और सौभाग्य की कामना करती हैं।
वट सावित्री का व्रत विवाहित औरते ही करती हैं। मान्यता ते अनुसार वट यानी बरगद के पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और महेश का वास होता है। इसके जड़ में भगवान ब्रह्मा, मध्य में विष्णु और सबसे उपर शिव शंकर का वास होता है। इसीलिए इस वृक्ष के नीचे बैठकर पूजा की जाती है जिससे सभी की मनोकामनाएं पूरी होती है। व्रत रखने वाली महिलाएं आज के दिन वट की पूजा-अर्चना करती हैं उसके बाद वृक्ष में सूत लपेटते हुए उसकी 108 बार परिक्रमा की करती हैं और पति की लंबी आयु, पुत्र कामना तथा सुख-शांति के लिए पूजा करती हैं।
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पूजा करने के लिए बांस से बनी टोकरी ली जाती है जिसमे सात तरह के अनाज रखे जाते है साथ में धुप, दीप, अक्षत, मोटी भी रखे जाते है। बांस की टोकरी में सात तरहके धान्य भरकर ब्रह्माजी की प्रतिमा स्थापित की जाती है। ब्रह्माजी के बाईं ओर सावित्री तथा दूसरी ओर सत्यवान की मूर्ति स्थापित की जाती है। इसके बाद बरगद के पेड़ को जल व कुमकुम चढ़ाया जाता है। पूजा करने के बाद बांस के पत्तों में रखकर दान किया जाता है और चने का प्रसाद बांटा जाता है।
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Updated on:
29 May 2018 04:38 pm
Published on:
29 May 2018 01:44 pm
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