
Uniform Civil Code: भारत एक ऐसा देश है जो अपनी सांस्कृति, धर्म और व्यवहार के लिए जाना जाता है और अलग-अलग चुनौतियों का सामना करने के लिए हमेशा तैयार भी रहता है। इसी पर अपनी राय देते हुए राइटर और राजनीतिक विश्लेषक अभिषेक गुप्ता ने बताया कि देश में समाज के निर्माण के लिए काफी समय से एक कानून का इंतजार हो रहा है वह है एक समान नागरिक संहिता यानी यूनियन सिविल कोड (UCC) को अमल में लाना। यह कानून भारतीय कानूनी प्रणाली में बदलाव लाने और समाज में बराबर हिस्सेदारी को आगे बढ़ाने की क्षमता रखता है।
समानता और लैंगिक न्याय को बढ़ावा देना
समान नागरिक संहिता का सबसे बड़ा मुद्दा लोगों के बीच समानता को बढ़ावा देना है। आज के समय में अलग-अलग धर्म के लोगों को अलग-अलग कानून होने की वजह से शादी, तलाक, प्रॉपर्टी और बच्चा गोद लेने जैसे मामलों में कई परेशानियों को सामना करना पड़ता है। उनके सामने न्यायिक असमानताएं पैदा हो रही है। वहीं, यूसीसी कानून की तरफ से समतावादी समाज को बढ़ावा मिलेगा। यह लंबे समय से चली आ रही लैंगिक असमानताओं को भी संबोधित कर रहा है इसके आने से महिलाओं को कानूनी सुरक्षा और अपने हिसाब से जीने का हक मिलेगा।
सभी कानून बराबर होंगे
भारत की कानूनी प्रणाली में धार्मिक रीति-रिवाजों पर धर्मों को लेकर कई कानून बने हुए है। कानूनों के ये कई रुप, न्याय प्रशासन में भ्रम और गलत चीजे पैदा करते हैं। एक समान नागरिक संहिता से कानूनों में सरलता और स्पष्टता आएगी। सभी नागरिकों को कानून समझने में आसानी होगी। व्यक्तिगत या धर्म कानूनों के आधार पर होने वाले भेदभाव को खत्म किया जा सकेगा। यह सभी नागरिकों के लिए अधिक कुशल और आसान हो जाएगी।
अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करना
समान नागरिक संहिता को लेकर आशंकाएं अक्सर अल्पसंख्यक अधिकारों और धार्मिक स्वतंत्रता के संरक्षण के बारे में चिंताओं से उत्पन्न होती हैं। हालाँकि यह समझना महत्वपूर्ण है कि यूसीसी जब संवेदनशीलता और समावेशिता के साथ बनाई जाती है तो सभी नागरिकों के अधिकारों की रक्षा कर सकती है चाहे उनकी धार्मिक पृष्ठभूमि कुछ भी हो।
सरकार की ज़िम्मेदारी यह सुनिश्चित करना है कि यह कानून न्याय के सभी पहलुओं को कायम रखते हुए शुरु हो और सभी धर्मा और जाति के लोगों के रीति-रिवाजों और उनकी प्रथाओं का सम्मान पूरी तरह से करते हुए लागू हो।
कानून को बढ़ाना और शासन को सरल बनाना
समान नागरिक संहिता एक व्यापक और समग्र कानूनी ढांचा प्रदान करेगी। इससे न्याय प्रणली में तेजी आएगी और कानूनी प्रणाली को एक करके, सरकार शासन को भी सरल बनाएगी | इसके जरिए नीतियों और प्रतिबंधो को ज्यादा प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा।
सरकार के पास देश को ऐसे भविष्य की ओर ले जाने का एक ओनोखा अवसर है जहां महिलाओं को समान अधिकार और सुरक्षा मिलती है और जहां विविधता के साथ एकता का जश्न मनाया जाता है। समान नागरिक संहिता का रास्ता चुनौतीपूर्ण हो सकता है, लेकिन यह एक ऐसा मार्ग है जो अपने सभी नागरिकों के लिए एक मजबूत और समस्त भारत का निर्माण कर सकता है।
Published on:
04 Aug 2023 12:27 am
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