25 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सैलरी 1.29 लाख और लेखपाल की फीस 1.5 करोड़!

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री की जितनी सैलरी नहीं है, उतनी तो यह लेखपाल फीस ले लेता है, जानें क्या है पूरा मामला

2 min read
Google source verification
Cm Yogi Adityanath

सीएम योगी आदित्यनाथ

नोएडा. आपको शायद सुनकर हैरानी होगी कि नोएडा के एक लेखपाल किसी काम को करने के लिए उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की एक महीने की सैलरी से भी कई गुना ज्यादा पैसों की मांग करते हैं। जी हां, ऐसा ही एक मामला नोएडा प्राधिकरण में देखने को मिला है। जहां के एक लेखपाल ने किसान की जमीन से जुड़े काम को करने के लिए 1.5 करोड़ रुपये की मांग की है।

दरअसल, प्राधिकरण के लेखपाल जितेंद्र कुमार कामबख्शपुर क्षेत्र देखते हैं और उनपर आरोप है कि वहां के एक किसान की जमीन का काम करने के लिए उन्होंने करोड़ों रुपये की मांग की। जिसकी ऑडियो किसान ने कॉलिंग के दौरान रिकॉर्ड कर ली और उसे सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को भेज दिया। मामला संज्ञान में आते ही लखनऊ से प्राधिकरण को इसके बारे में सूचित किया गया। जिसके बाद प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन ने लेखपाल को तुरंत संस्पेंड कर दिया और मामले की जांच बैठा दी।

सीएम की सैलरी के कई गुना लेखपाल की फीस

बता दें कि यूपी के सीएम योगी की तनख्वाह अगस्त (2017-18) है 1.29 लाख रुपए है, जबकि कैबिनेट मंत्री की सैलरी है 1.29 लाख रुपए प्रति महीना है। वहीं एक लेखपाल की रैंक सिपाही के पद के बराबर होती है और जिसकी मासिक सैलरी तकरीबन 28 से 29 हजार होती है। लेकिन नोएडा के लेखपाल किसान का काम करने के लिए 1.5 करोड़ रुपये डिमांड करते हैं। मामला सामने के बाद से चर्चा का विषय बना हुआ है।

पहले भी भ्रष्टाचार के मामले आ चुके सामने

बता दें कि नोएडा प्राधिकरण में तैनात अधिकारियों व कर्मियों पर कई बार भ्रष्टाचार के आरोप लग चुके हैं। इसके अलावा प्राधिकरण में तैनात रहे चीफ इंजीनियर का मामला किसी से छिपा नहीं है। जिसके बाद तमाम आयकर व सीबीआई अधिकारी प्राधिकरण में जांच पड़ताल करने आते रहते हैं। वहीं इसके बाद भी प्राधिकरण के कर्मी व अधिकारी भ्रष्टाचार करने से बाज नहीं आ रहे हैं।

नोएडा प्राधिकरण के सीईओ आलोक टंडन ने बताया कि हमें सीएम ऑफिस से जैसे ही लेखपास का ऑडियो मिला, उसपर तुरंत कार्रवाई करते हुए लेखपाल को तत्काल के संस्पेंड कर दिया है और उसकी पड़ताल शुरु कर दी गई थी।