नई दिल्ली/नोएडा. सपा नेता अमर सिंह के द्वारा रामगोपाल यादव के सबूतों को फर्जी बताये जाने पर रामगोपाल यादव ने कहा कि फर्जी लोग फर्जी की ही बात करते हैं, इसलिए उस पर कोई ध्यान नहीं देना चाहिए. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग को जमा करवाये गए सबूत असली हैं और चुनाव आयोग इनकी जांच करवा सकता है.
अखिलेश के साथ 90 फीसदी विधायक
सपा नेता रामगोपाल यादव ने कहा कि उन्होंने चुनाव आयोग के समक्ष सवा लाख से अधिक पेजों का दस्तावेज सौंपा है जो यह बताने के लिए काफी है कि अखिलेश यादव की अगुवाई वाली पार्टी ही असली समाजवादी पार्टी है और अखिलेश यादव उसके अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव को पार्टी के नब्बे फीसदी से अधिक कार्यकर्ताओं, नेताओं, विधायकों और सांसदों का समर्थन प्राप्त है. और जिस नेता को इतना विशाल समर्थन प्राप्त हो, उसकी वैधता को चुनौती देना सम्भव नहीं.
जल्द होगा फैसला
सपा नेता ने कहा कि उन्होंने अपनी तरफ से सम्बन्धित कागजात चुनाव आयोग को सौंप दिया है, इसलिए वे यह अपेक्षा करेंगे कि आयोग जल्दी से जल्दी इस बात पर अपना फैसला सुनाएगा जिससे स्थिति साफ़ हो और चुनाव की मुहीम तेज की जा सके.
असंवैधानिक था अधिवेशन
बता दें कि रविवार को सपा नेता अमर सिंह ने मुलायम सिंह से दिल्ली में मुलाकात करने के बाद कहा कि मुलायम सिंह की अगुवाई वाली सपा ही असली सपा है और मुलायम सिंह ही पार्टी के अध्यक्ष हैं. उन्होंने कहा कि वे इस पार्टी के महासचिव हैं. उन्होंने कहा कि अध्यक्ष की लिखित अनुमति के बिना कोई राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाया ही न हिन् जा सकता, इसलिए जिसे राष्ट्रीय अधिवेशन कहा जा रहा है और जिसमें अखिलेश यादव को सपा का अध्यक्ष घोषित किया गया है वह खुद संवैधानिक नहीं है.
किए गए फर्जी हस्ताक्षर
उन्होंने रामगोपाल यादव के द्वारा चुनाव आयोग को दिए गए दस्तावेजों की वैधता पर भी सवाल उठाया. उन्होंने कहा कि जिन विधायकों की लिस्ट सौंपी गयी है उनमें से अनेक विधायक उनके साथ हैं, इसलिए वह लिस्ट भी फर्जी है और कई दस्तावेजों में फर्जी हस्ताक्षर किये गए हैं.