बता दें कि कोरोना के बढ़ते मामलों के बाद दिल्ली सरकार ने सोमवार रात 10 बजे से 1 हफ्ते के लिए सम्पूर्ण लॉकडाउन का ऐलान किया है। जिसके बाद दिल्ली-एनसीआर के तमाम बस अड्डों और रेलवे स्टेशनों पर एक बार फिर दूर दराज से इन बड़े इमारतों वाले शहर नोएडा में अपने सपनों को तराशने आये मजदूरों की भीड़ लग गयी है। लोग अपने घरों की ओर जल्दी से जल्दी जाना चाहते हैं। पलायन कर रहे मजदूरों का कहना है कि उनको सरकारों पर भरोसा नहीं है। नीरज दिवाकर नामक व्यक्ति ने कहा कि जो सरकार एक साल बाद भी कोरोना के लिए तैयारी नहीं कर पाई, आखिर वो कैसे हमारा ख्याल रखेगी। मजदूरों के भीड़ की तस्वीरें एक बार फिर से पिछले साल लॉकडाउन के दौरान मजदूरों के पलायन की याद दिलाती हैं।
‘सरकारों पर नहीं है भरोसा’ जहां एक तरफ दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मजदूरों से दिल्ली न छोड़कर जाने की विनती की है और आश्वासन दिया है कि ये लॉकडाउन छोटा ही रहेगा, आगे नहीं बढ़ेगा तो वहीं मजदूरों का कहना है कि उन्हें सरकारों पर भरोसा नहीं है। लॉकडाउन अगर बढ़ गया तो वह कहां से खाएंगे और दोबारा पिछली बार की तरह अपने गांव पैदल जाना पड़ेगा। इसलिए लॉकडाउन से पहले ही वह अपने-अपने गांव जा रहे हैं।