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कोरोना काल में योगी सरकार ने घटाई ब्याज दर, लाखों लोगों के खिले चेहरे, बिल्डरों के भी बड़ी राहत

locationनोएडाPublished: Jun 10, 2020 06:31:04 pm

Submitted by:

Rahul Chauhan

Highlights:
-कटौती से लाखों आवंटियों को बड़ी राहत
-लॉकडाउन में हुए डिफाल्टर तो नहीं लगेगा जुर्माना
-बिल्डरों को भी मिली राहत

नोएडा। वैश्विक महामारी कोरोना से पूरा विश्व संकटों के दौर से गुजर रहा है। ऐसे में उत्तर प्रदेश शासन ने संपत्ति के आवंटन के ब्याज दरों में कटौती कर आवंटियों को बड़ी राहत दी है। यह राहत गौतमबुद्ध नगर की तीनों प्राधिकरणों, दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर और उत्तर प्रदेश के सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण को मिलेगी। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के आवंटियों पर लागू ब्याज दर में 3 प्रतिशत तक की कटौती की जाएगी। जिसका फायदा प्राधिकरण के करीब 5 लाख आवंटियों को होगा। साथ ही जनपद के बिल्डरों को भी इससे बड़ी राहत मिलेगी।
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शासन के प्रमुख सचिव आलोक कुमार ने सभी औद्योगिक विकास प्राधिकरण के लिए जो आदेश जारी किया, उसके तहत अब औद्योगिक विकास प्राधिकरण स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की एलएमआरसी (मॉरिजनल कॉस्ट लेंडिंग रेट्स) यानी सीमांत लागत उधार दर को आधार बनाकर अपने आवंटियों से ब्याज वसूल करेंगे। आदेश में कहा गया है कि एसबीआई 3 वर्ष के लिए जिस एलएमआरसी दर पर पैसा देता है, उस पर 1 प्रतिशत प्रशासनिक व्यय लगाते हुए आवंटियों से ब्याज लिया जाएगा। हर वर्ष 1 जनवरी और 1 जुलाई को इस फार्मूले के आधार पर ब्याज दरें पुनरनिर्धारित की जाएंगी। आवंटियों को राहत देने के लिए यमुना प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी डॉ. अरुणवीर सिंह ने शासन को प्रस्ताव भेजा था जिस पर शासन ने मंजूरी दी है।
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बता दें कि जनपद प्राधिकरणों की ब्याज दरें अलग-अलग थीं। नोएडा और ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण अपने आवंटियों पर बकाया धनराशि पर 12 फीसदी ब्याज लेते हैं, जबकि यमुना प्राधिकरण की ब्याज दर 10.5 प्रतिशत है। भारतीय स्टेट बैंक ने 10 मई 2020 को अपनी एलएमआरसी की दरें पुनर्निधारित की हैं। यह दरें तीन वर्षों के लिए केवल 7 प्रतिशत हैं। इससे साफ है कि प्राधिकरणों की ब्याज दरेंघट कर 8-9 प्रतिशत तक हो जाएंगी। इसके अलावा लॉकडाउन में डिफाल्टर तो जुर्माना नहीं लगाने की प्राधिकरणों की सिफ़ारिश को मानते हुए शासन ने आवंटियों से साधारण ब्याज वसूल किया जाएगा। इस दौरान अगर किसी की किश्त नहीं जमा होती है तो उस पर जुर्माना नहीं लगाया जाएगा। इस पर शासन ने सहमति जता दी है। इससे लाखों आवंटियों को राहत मिलेगी।
वहीं सरकार के इस फैसले पर सभी श्रेणी के आवंटियों ने खुशी जाहिर की है। सुपरटेक के चेयरमैन आरके अरोड़ा ने कहा कि वह लंबे अरसे से यह मांग कर रहे थे। इस फैसले से प्रत्येक वर्ग को बहुत बड़ा लाभ मिलेगा। नेफोवा के अध्यक्ष अभिषेक कुमार ने कहा कि लंबे अरसे बाद फ्लैट खरीदारों के लिए कोई अच्छी खबर आई है। यह स्वागत योग्य फैसला है। गौर संस के चेयरमैन मनोज गौड़ ने कहा कि शासन ने अच्छा फैसला लिया है।

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