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नामांकन के खूब बजे ढोल, पुस्तक वितरण में खुली पोल

-अब तक विद्यालयों में आधी भी नहीं पहुंची पाठ्यपुस्तकें

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झालावाड़.प्रदेशभर के सरकारी विद्यालयों में एक जुलाई से नया शिक्षण सत्र का आगाज हो गया है। शिक्षा विभाग इन दिनों द्वितीय चरण के प्रवेशोत्सव के गांव-गांव में ढोल बजा रहा है। पर, हालात ये है कि एक तरफ निजी विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो गई है। वहीं, दूसरी ओर राजकीय विद्यालयों में शिक्षण सत्र हुए एक पखवाड़ा होने के बाद भी अभी तक आधी पुस्तकें भी उपलब्ध नहीं हो पाई है। कई कक्षाओं में पूरे कोर्स ही शेष है। ऐसे में विद्यार्थी बिना पुस्तकों के ही रोजाना स्कूलों में जाकर बैरंग लौट रहे हैं। वहीं,दूसरी तरफ शिक्षकों को भी समय पर पाठ्यक्रम पूर्ण नहीं करवा पाने की चिंता सता रही है।

अब तक आधी भी नहीं मिली पुस्तकें-

राजकीय विद्यालयों में पाठ्यपुस्तकों के वितरण का जिम्मा राजस्थान पाठ्यपुस्तक मण्डल को दे रखा है। जिले में इस बार एक से पांच तक की कक्षाओं के लिए 3 लाख से अधिक पुस्तकों की डिमाण्ड थी। जिले में सभी कक्षााओं की डिमांड 9 लाख 14 हजार 4 पुस्तकों की थी, उसके विरूद्ध अभी तक 4 लाख 29 हजार 587 पुस्तका का ही वितरण हो पाया है। अभी तक आधी से ज्यादा पुस्तकें स्कूल में पहुंचना बाकी है।

हर साल यहीं समस्या-

सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 1 से 12 तक के समस्त विद्यार्थियों को सरकार नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध करवाती है। पर, विभागीय लापरवाही के चलते समय पर पुस्तकें उपलब्ध नहीं होती है। गत सत्र में भी लेटलतीफी के साथ सितम्बर माह तक पुस्तकों का वितरण हुआ था। इससे शिक्षण व्यवस्था पर असर पड़ रहा है।

फैक्ट फाइल: पाठ्यपुस्तक

- प्रथम चरण में पुस्तकों का वितरण- 429587

- जिले में कुल पुस्तकों की डिमांड-914004

- कक्षा 1 से5 तक जिले में पुस्तकें आना बाकी है-278286

पाठ्यक्रम बदलने से परेशानी

सरकारी विद्यालयों में कक्षा 1 से 3 में 100 फीसदी एवं कक्षा 4 से 12 तक 50 फीसदी पुस्तकें विभाग की ओर से उपलब्ध करवाई जाती है। इससे कक्षा 4 से 12 तक पुराने विद्यार्थियों से पुस्तकें जमा कर नए विद्यार्थियों को दे दी जाती है। पर, इस बार एनसीईआरटी ने कक्षा 1 से 6 तक का पाठ्यक्रम बदल दिया। इससे परेशानी बढ़ गई है। वहीं, कक्षा नौ में अर्थशास्त्र, कक्षा दसवीं में सामाजिक विज्ञान व फ्रूटप्रिंट, 11वीं में अंतराल, रसायन विज्ञान, 12वीं में भौतिक विज्ञान भाग दो, रसायन विज्ञान भाग 2, अर्थशास्त्र,राजनीति विज्ञान सहित कृषि विज्ञान वर्ग की कई पुस्तकें नहीं पहुंची हैं। वहीं, जो पुस्तकें विद्यालयों को मिली हैं। उनके भी आधे-अधूरे ही सेट मिले हैं।

सत्र की शुरूआत में उपलब्ध हो पुस्तकें-

एक तरफ विभाग निजी विद्यालयों से प्रतिस्पर्धा लेने की बात कर रहा है। वहीं, दूसरी तरफ हमारे विद्यालयों में एक पखवाड़े तक तक पुस्तके हीं नहीं है। सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए कि सत्र के पहले ही दिन सभी पुस्तकें डिमाण्ड अनुसार मिल जाए। एक पखवाड़े तक पुस्तकें नहीं पहुंचने से विद्यार्थियों की पढ़ाई का नुकसान हो रहा है। समय पर पुस्तकें नहीं मिलने से सालभर प्रभारी पुस्तकें लेने जाता है। ये क्रम दिसंबर तक जारी रहता है, इसमें सुधार होना चाहिए।

चंदन चतुर्वेदी, प्रदेश महामंत्री राजस्थान शिक्षक संघ, प्रगतिशील।

अधिकारी बोले-

कक्षा एक से छह में पाठ्यक्रम बदलने से दिक्कत आई हैं। पाठ्यपुस्तक मंडल से छपकर आने के बाद वितरण किया जाएगा। वीसी में 25 जुलाई से दूसरा चरण शुरू होगा। जैसे ही पुस्तकें जिले में आएगी वितरण शुरू करवा दिया जाएगा। अभी कक्षा एक से 5तक की पुस्तकें आना बाकी है। जिले में दूसरा चरण 1 से 10 अगस्त तक चलेगा।

रामसिंह मीणा, सीडीईओ, झालावाड़।