
Government gave clarification, CBDT and CBIT will not merge
नई दिल्ली। बीते कुछ दिनों से एक खबर खूब वायरल हो रही है, जिसकी वजह से काफी परेशान है। जिसपर विराम लगाने के लिए सरकार ( Government o India ) को खुद सामने आना पड़ा है। तेजी से वायरल हो रही खबर ( Viral News ) यह है कि सरकार केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ( Central Board of Direct Taxes ) और अप्रत्यक्ष कर बोर्ड ( Central Indirect Tax Board ) को मिलाकर एक नया बोर्ड बनाने जा रही है। इस बात की चर्चा जोरों पर थी कि टैक्स कलेक्शन ( Tax Collection ) में गिरावट के कारण कामकाज में बढ़ते खर्च में कटौती करने के लिए सरकार इस तरह का कदम उठा रही है, लेकिन सरकार ने तेजी से फैलती इस खबर का खंडन करते हुए विराम लगा दिया है।
सरकार की ओर से किया गया स्पष्ट
सरकार की ओर से स्पष्ट कर दिया गयश है कि यह खबर पू तरह से गलत है। केंद्र सरकार के पास केंद्रीय राजस्व बोर्ड अधिनियम, 1963 के तहत गठित दो बोर्डों के विलय का कोई प्रस्ताव नहीं है। पीआईबी की ओर से सरकार की ओर से कहा गया है कि वित्त मंत्रालय बड़े पैमाने पर करदाताओं के लिए कई योजनाओं पर काम कर रहा है। जिसमें इलेक्ट्रॉनिक फेसलेस मूल्यांकन, इलेक्ट्रॉनिक वैरिफिकेशन या लेनदेन और फेसलेस अपील को लागू करने पर फोकस कर रहा है।
सिफारिशों को कर दिया गया था दरकिनार
पीआईबी के अनुसार मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड और अप्रत्यक्ष कर बोर्ड का मर्जर कर प्रशासनिक सुधार आयोग की सिफारिशों पर हो रहा है। पीआई के मुताबिक सरकार द्वारा टीएआरसी की रिपोर्ट की जांच की गई थी और टीएआरसी की इस सिफारिश को सरकार ने साफ इनकार कर दिया था। सरकार की ओर से 2018 में सरकारी आश्वासनों पर समिति के सामने भी इस फैक्ट को रखा था। टीएआरसी की सिफारिशों पर हुई कार्रवाई की रिपोर्ट राजस्व विभाग की वेबसाइट पर मौजूद है। जिससे साफ पता चलता है कि उन सिफारिशों को दरकिनार कर दिया गया था।
Updated on:
07 Jul 2020 12:43 pm
Published on:
07 Jul 2020 12:39 pm
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