दमोह. बारिश के दिनों में अक्सर बिजली गुल होती है। बिजली जाने पर यदि वैकल्पिक व्यवस्था भी ठप हो जाए तो उन जगहों पर दिक्कत हो सकती है, जो बिजली के बिना संचालित नहीं हो सकते। बात करें जिला अस्पताल की तो यह बात यहां पर सबसे अधिक लागू होती है, क्योंकि इमरजेंसी यूनिट्स में यदि ऐसा होता है तो भर्ती गंभीर मरीजों की जान सांसत में पड़ सकती है। अभी एक हफ्ते पहले ही जिला अस्पताल में बिजली गुल हुई थी। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर यहां पर जनरेटर की सुविधा है, लेकिन वह भी उसी दौरान बंद हो गया था। बताया जाता है कि एक घंटे तक डायलिसिस यूनिट में बिजली बंद रही थी। गनीमत थी कि उस वक्त मरीज का डायलिसिस नहीं हो रहा था। यदि यह स्थिति एसएनसीयू में होती तो नवजात शिशुओं के साथ बड़ी परेशानी हो सकती थी।
-वोल्टेज की है परेशानी
जिला अस्पताल में बिजली का एक सब स्टेशन बना हुआ है। यहां पर कंपनी सीधे बिजली की सप्लाई करती है। पर अस्पताल में वोल्टेज हाइ व लो होने की समस्या है। पूर्व में इसी के चक्कर में बिजली से चलने वाले कई उपकरण जल चुके हैं। बारिश के दिनों में यदि इस पर नियंत्रण या सुधार नहीं किया गया तो फॉल्ट होने की समस्या भी बन सकती है।
-दीवारों पर करंट के झटके आते हैं
बारिश के दिनों में गीली दीवारें भी करंट मारती हैं। अस्पताल के कई वार्ड ऐसे हैं, जहां सीपेज की समस्या है। अमूमन बारिश के दिनों में यहां पर करंट आने की शिकायतें हुई हैं। प्रबंधन द्वारा बारिश से पूर्व अस्पताल की बिजली लाइन और बिछाई गई वायरिंग की जांच पड़ताल नहीं की है। समय पर यदि ध्यान नहीं दिया गया तो मरीजों को अंधेरे में इलाज कराना पड़ सकता है।
वर्शन
हमने हालही में बिजली व्यवस्था संबंधी जांच करा ली है। जनरेटर चालू है। वोल्टेज हाई व लो होने की समस्या को सुधरवा रहे हैं।
डॉ. सुरेंद्र विक्रम सिंह, प्रबंधक जिला अस्पताल
Published on:
23 Jun 2025 11:26 am