महाप्रभु के कारण ही विश्व में वृंदावन का आकर्षण बढ़ा : पुंडरीक महाराज
देव राधारमण शारदा माई मंदिर वासुदेव गौड़ीय मठ राजघाट स्थित परिसर में संगीतमय श्रीमद् चैतन्य भगवत कथा का आयोजन


देव राधारमण शारदा माई मंदिर वासुदेव गौड़ीय मठ राजघाट स्थित परिसर में संगीतमय श्रीमद् चैतन्य भगवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। शुक्रवार को कथा व्यास पुंडरीक गोस्वामी महाराज ने कहा कि राधा कृष्ण वृंदावन और लीलाओं को मिला दो तो महाप्रभु प्रकट होते है। उन्होंने कहा कि धर्म, प्रेम, यश, प्रतिष्ठा जितनी बढ़ती है उतनी ही आनंद की प्राप्ति होती है। उत्तर भारत की अधिकांश जगह पर आज महाप्रभु के कारण ही धर्म बचा है। उन्होंने कहा कि वृंदावन धाम का प्रकट चैतन्य महाप्रभु ने किया। उन्होंने मुगलों औरंगजेब के समय काल में यहां के मंदिरों की स्थिति से भी सभी को अवगत कराया। उन्होंने कहां वृंदावन में कृष्ण के समय रज जमुना गिरिराज का ही प्रकट था। उन्होंने कहा महाप्रभु के कारण ही विश्व में वृंदावन का आकर्षण बढ़ा। उन्होंने वृंदावन धाम में हो रहे बसावट निर्माण और विकास पर भी चिंता जाहिर की। उन्होंने कहा कि जिसकी सात पीढ़ी एक जगह बसी हो वही उस जगह का मूलनिवासी होता है। उन्होंने कहां वृंदावन में बसना बढ़ी बात नहीं वृंदावन का मन में बसना बढ़ी बात है। उन्होंने कहा कि जब भी कोई किसी संप्रदाय का वृंदावन जाए तो गौर हरि जरूर बोलना चाहिए। महाराज ने कथा में गौर कथा के अन्य वृतांत भी । हरि नाम कीर्तन की अलख जागृत बनाए रखने का अनुरोध किया। कथा में बड़ी संख्या में भक्त मौजूद रहे।
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