
सुनेल (झालावाड़)। शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) के तहत प्राइवेट स्कूलों में नि:शुल्क प्रवेश के लिए आवेदन करने वाले अभिभावकों को सरकार ने बड़ी राहत दी है। कई प्राइवेट स्कूलों ने दस्तावेजों में कमियां निकालकर 114 आरटीई आवेदनों को रिजेक्ट कर दिया था। जब तक अभिभावकों को अपनी गलती का अहसास हुआ, तब तक पीएसपी आरटीई पोर्टल बंद हो गया था, जिससे अभिभावक संशोधित दस्तावेज री-अपलोड नहीं कर पाए थे। अब सरकार ने इन्हें राहत देते हुए आरटीई पीएसपी पोर्टल को 5 मई तक फिर से खोल दिया है। अब अभिभावक अपने दस्तावेजों में सुधार कर उन्हें री-अपलोड कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें ब्लॉक शिक्षाधिकारी कार्यालय (सीबीईओ) से संपर्क करना होगा।
शिक्षा विभाग के अनुसार लॉटरी के बाद 9 से 21 अप्रैल तक आरटीई आवेदन और उनके दस्तावेजों का वेरिफिकेशन कार्य शुरू हुआ था। इस दौरान स्कूल प्रशासन ने दस्तावेजों में कमियां निकालकर 114 आवेदन रिजेक्ट कर दिए। हालांकि, अभिभावकों को गलती सुधारने का मौका दिया गया था, लेकिन पोर्टल लॉक होने के कारण वे सही दस्तावेज अपलोड नहीं कर पाए। सरकार ने अभिभावकों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए एक और मौका दिया है, जिससे वे 5 मई तक अपने दस्तावेज़ सही करके पोर्टल पर अपलोड कर सकते हैं।
शिक्षा विभाग के आरटीई प्रकोष्ठ प्रभारी के अनुसार, आवेदन रिजेक्ट होने के प्रमुख कारणों में सबसे बड़ा कारण वार्ड संबंधित दस्तावेज़ या परिष्ठ-5 डॉक्युमेंट्स का अपलोड न करना था। इसके अलावा, आय प्रमाणपत्र में गवाहों के हस्ताक्षर न होना, ओबीसी/एससी-एसटी प्रमाणपत्र का पुराना होना, और निवास प्रमाणपत्र के रूप में आधार कार्ड की जगह मूल निवास प्रमाण पत्र लगाने जैसी कमियां पाई गईं।
जिन अभिभावकों के आवेदन रिजेक्ट हुए हैं, उन्हें ब्लॉक शिक्षाधिकारी कार्यालय (सीबीईओ) में संपर्क करना होगा, जहां वे अपने आवेदन में आई कमियों के बारे में जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके बाद वे ई-मित्र के माध्यम से सही दस्तावेज अपलोड करेंगे और फिर सीबीईओ कार्यालय से वेरिफाई करवाएंगे।
अभिभावकों ने बताया कि सीबीईओ कार्यालय के माध्यम से उन्हें अपनी कमियों को सुधारने का मौका दिया जा रहा है। सही दस्तावेज़ अपलोड होने पर सीबीईओ कार्यालय द्वारा आवेदन को वेरिफाई किया जा रहा है।
Updated on:
04 May 2025 02:54 pm
Published on:
04 May 2025 02:53 pm
बड़ी खबरें
View Allझालावाड़
राजस्थान न्यूज़
ट्रेंडिंग
