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पांच दशक से वन भूमि में काबिज हैं हम आदिवासी, अब हटाने उतारू विभाग

-जनसुनवाई में घुघरी और जमुनिया गांव के लोगों ने कलेक्टर से लगाई गुहार

दमोह

Aakash Tiwari

Jun 18, 2025

दमोह. इन दिनों वन विभाग अपनी जमीन पर अतिक्रमण खाली कराने के लिए अभियान चला रही है। इससे कब्जेधारियों में हड़कंप की स्थिति बनी हुई है। जनसुनवाई के दौरान दो मामले ऐसे सामने आए हैं, जो लगभग पांच दशकों से वन भूमि पर रह रहे हैं। उनका परिवार उसी जमीन पर बसा हुआ है। आर्थिक रूप से कमजोर इन परिवारों को अब हटाने की कार्रवाई की जा रही है। बमीन ग्राम पंचायत अंतर्गत घुघरी गांव के आदिवासियों ने कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा है। इसमें बताया कि वह गांव में वन भूमि पर पचास साल से रह रहे हैं। १५ जून को नोटिस दिया गया कि सभी उक्त भूमि को खाली कर दें अन्यथा जमीन जबरन खाली कराई जाएगी। ग्रामीण देवी सिंह, राजू सिंह व प्रताप ने बताया कि गांव में २२ परिवार रह रहे हैं। सभी की आर्थिक स्थिति खराब है। मजदूरी कर जीवन यापन करते हैं। झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। ऐसे में यदि उन्हें यहां से हटाया जाता है तो उनके रहने के लिए कहीं भी कोई ठिकाना नहीं है। महिलाएं, बच्चे व बुजुर्गों को लेकर कहां जाएंगे। देवी सिंह आदिवासी ने बताया कि जमीन खाली कराने के संबंध में बताया गया कि आसपास हाइवे निकलना है। जबकि गांव दूर हैं। दूसरे प्रकरण में जमुनिया गांव के ग्रामीण भी आवेदन देने पहुंचे। उन्होंने बताया कि वह भी पचास साल से वन भूमि पर रह रहे हैं। यहां पर खेती कर परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, लेकिन सोमवार को वन अमला जेसीबी लेकर आया और खेतों पर जेसीबी चला दी। मना करने पर टीम ने धमकाया और जगह खाली करने को बोला। ग्रामीणों ने बताया कि हमारे पास पट्टे नहीं हैं, लेकिन हम जुर्माना भरते हैं।
-बूंद-बूंद पानी को तरस रहे ग्रामीण
तेंदूखेड़ा क्षेत्र के देवरी लीलाधर गांव में नलजल योजना का लाभ न मिलने से परेशान ग्रामीणों ने जनसुनवाई में आवेदन दिया। ग्रामीणों ने बताया कि गांव में बिजली की परेशानी के चलते नलजल योजना का पानी नहीं मिल पा रहा है। पानी की तलाश में दर-दर भटकने मजबूर हैं। बारिश में रास्ता न होने के कारण शहर से कट जाते हैं। ग्र्रामीणों ने कलेक्टर से परेशानियों को दूर कराने की मांग की है।
-स्कूल के चेक दिए थे उधार के रूप में
जनसुनवाई में एक ऐसा मामला भी सामने आया है, जिसमें सरकारी स्कूल के चेक को उधार लेने के बदले दिए गए। पीडि़त नरेंद्र जैन ने कलेक्टर से शिकायत में बताया कि उसने पांच साल पहले एमएलबी स्कूल में पदस्थ शिक्षक महेंद्र जैन को एक लाख रुपए उधार दिए थे। उन्होंने बदले में स्कूल के ५ चेक मुझे दिए। लेकिन बैंक ने उक्त चेक के जरिए राशि नहीं दी। पीडि़त ने बताया कि उसकी बेटी की शादी है। रुपए की जरूरत है। कलेक्टर ने मामले की जांच के निर्देश दिए हैं।