
आजादी के अमृत वर्ष में हमारी सफलता का मापदण्ड यह है कि हमने संविधान में किए गए वायदे को किस सीमा तक पूरा किया है। संविधान, आजादी और खुशहाली के वायदे का दस्तावेज होता है। संविधान हमें सपने देखने और उसके मुताबिक समाज निर्माण करने की आजादी और जज्बे को भी निरूपित करता है। संविधान हमारे संकल्प की अभिव्यक्ति है, सिर्फ काले-सफेद अक्षरों का समूह नहीं। उसमें सुशासन के भावपुंज सू़त्रबद्ध होते हैं। उसे मजबूती देने के दायित्व का निर्वहन देश के नागरिकों को करना होता है। हमारे संविधान के माध्यम से हमारे पूर्वजों ने रामराज्य का सपना देखा था जिसमें सभी समान हों। सभी लोग कानून की मर्यादा में रहें, राज्य सत्ता को राम की खड़ाऊं और अपने आपको उसका सेवक मानकर जनता की सेवा करें, कानून का पालन निष्पक्षतापूर्वक हो, निर्णय लेते समय किसी का भय न हो तथा किसी वस्तु का लालच उन्हें स्खलित न कर सके।
Updated on:
17 Aug 2022 09:56 pm
Published on:
17 Aug 2022 06:11 pm
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