
Indian Railway
जिन्हें रेलवे ट्रैक की रखवाली की जिम्मेदारी सौंपी जाए वे ही ट्रेन को बेपटरी करने की साजिश में शामिल हो जाएं तो इससे बड़ा अपराध और क्या होगा? गुजरात में किम और कोसांबा स्टेशनों के बीच रेल पटरी को नुकसान पहुंचाने के मामले में यह चिंताजनक खुलासा हुआ है कि पदोन्नति, पुरस्कार और रात्रि ड्यूटी पाने की चाहत में रेलवे ट्रैक की रखवाली करने वाले ट्रैकमैन ने ही यह साजिश रची थी। इस मामले में तीन ट्रैकमैन गिरफ्तार किए गए हैं। दिल्ली-मुम्बई मार्ग पर मध्यप्रदेश में डेटोनेटर चोरी कर रेलवे ट्रैक पर रखने के आरोप में भी रेलवे सुरक्षा बल ने रेलवे के ट्रैक पेट्रोलिंग ड्यूटी कर्मचारी को गिरफ्तार किया है।
रेलवे संपत्ति को किसी भी तरह का नुकसान पहुंचाना गंभीर अपराध की श्रेणी में आता है। दोनों ही मामले आपराधिक कृत्य तो हैं ही, यह भी बताते हैं कि आज के दौर में कोई भी किसी भी हद तक गिर सकता है। गुजरात की घटना की प्रारंभिक जांच में इस प्रकरण में तीनों कर्मचारियों की भूमिका की पुष्टि करने वाले तथ्य भी सामने आ गए हैं। यह गनीमत रही कि दोनों ही मामले समय रहते सामने आ गए वरना सहज ही अनुमान लगाया जा सकता है कि दिमाग में आए ऐसे फितूर के नतीजे कितने भयावह हो सकते थे। देश के अन्य हिस्सों में भी अलग-अलग तरीकों से रेलवे लाइनों को नुकसान पहुुंचाने की घटनाएं पिछले दिनों में सामने आई हैं। कुछ घटनाएं बड़े हादसों की वजह भी बनी हैं। गुजरात के इस मामले में घटना से जुड़े जो प्रारंभिक अनुमान हैं वे आरोपियों से पूछताछ व वीडियो साक्ष्य के आधार पर हैं। पड़ताल का विषय यह अवश्य होना चाहिए कि सिर्फ पुरस्कार व प्रमोशन ही इरादा रहा या यह कोई षडयंत्र का हिस्सा था। डेटोनेटर रेलवे पटरी पर रखने जैसी साजिश में रेलवे कार्मिक का ही शामिल होना तो और भी चिंताजनक है। ऐसे कार्मिकों को रेलवे कार्यबल का हिस्सा भला क्यों रहना चाहिए? सीधे तौर पर ऐसे मामलोंं में दोषियों को सख्त से सख्त सजा मिलनी ही चाहिए। रेलवे संपत्ति को नुकसान पहुंचाना राष्ट्रद्रोह जैसा है।
अहम बात रेल पटरियों की सुरक्षा से जुड़ी है। ट्रैक की फिश प्लेट निकालने जैसी घटनाओं को ट्रैक की नियमित निगरानी और तकनीकी उपायों जैसे सेंसर, ड्रोन निगरानी व सीसीटीवी कैमरों की मदद से रोका जा सकता है। समाजकंटकों की पिछली हरकतों को देखते हुए रेलवे सुरक्षा बलों को भी अतिरिक्त सतर्कता बरतनी होगी। संदिग्ध लोगों पर जनसाधारण को भी नजर रखनी होगी। यह भी समझना होगा कि समाज को नुकसान पहुंचाने की मंशा के साथ उसी समाज में नाम कमाने की चाहत कभी सुखद और सार्थक परिणाम नहीं दे सकती।
Published on:
24 Sept 2024 10:36 pm
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